किशनगढ़ की कमर्शियल इमारतें नोटिसों और पुलिस शिकायतों के बावजूद कमा रहीं लाखों

punjabkesari.in Wednesday, Feb 20, 2019 - 11:38 AM (IST)

जालंधर(बुलंद): जालंधर डिवैल्पमैंट अथॉरिटी के लिए हालात दिन-ब-दिन खराब होते दिखाई दे रहे हैं। अवैध कालोनियों पर कार्रवाई न कर पाने के इल्जामों से अभी जे.डी.ए. मुक्त भी नहीं  हुआ है कि जालंधर के आस-पास के गांवों में बनने वाली अवैध कमर्शियल इमारतों को लेकर जे.डी.ए. सवालों के घेरे में आ खड़ा हुआ है। 

विभागीय जानकारों की मानें तो गत कुछ माह में ही किशनगढ़ में 2 बड़ी कमर्शियल इमारतों का निर्माण किया गया है, जिनमें दर्जनों दुकानें बनाकर किराए पर चढ़ा दी गईं और कई बेच भी दी गईं पर इन कमर्शियल इमारतों के लिए जे.डी.ए. को जो लाखों रुपए का राजस्व मिलना चाहिए था, वह नहीं मिला। हालात यह बन चुके हैं कि जे.डी.ए. के पास सरकार ने बंदूकें दी हैं पर गोलियां नहीं दीं। जे.डी.ए. इस कदर सियासी दबाव में काम कर रहा है कि विभाग के अधिकारियों ने इन दोनों अवैध कमर्शियल इमारतों को नींव से बनते देखा, इन्हें रंग-रोगन होते देखा, इन्हें किराए पर चढ़ते और बिकते देखा पर किसी प्रकार की कार्रवाई न हो सकी। मामला मीडिया में आया तो इन इमारतों के खिलाफ विभाग ने नोटिस निकाले और इलाके के पुलिस थाने में शिकायत दर्ज करवाई पर उसका भी कोई असर नहीं हुआ। 

मामले बारे विभाग के जे.ई. सिद्धार्थ का कहना है कि हमने दोनों कमॢशयल इमारतों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की है पर उनसे पूछा कि इन्हें सील क्यों नहीं किया तो उनका जवाब था कि इस बारे वह जल्द ही सीनियर अधिकारी से बात करेंगे। अगर ऐसी अवैध इमारतों की जालंधर में ही गिनती की जाए तो शायद सैंकड़ों होंगी जिनसे जे.डी.ए. एक पैसा भी राजस्व नहीं वसूल पाया। मामले बारे विभागीय अधिकारियों का कहना है कि अगर उनके पास कोई शिकायत आएगी तो कार्रवाई होगी।

swetha