कमिश्रर ने रोड स्वीपिंग स्कैंडल की जांच के लिए बनाई कमेटी

punjabkesari.in Wednesday, Jun 27, 2018 - 09:16 AM (IST)

जालंधर (खुराना): मेयर जगदीश राजा द्वारा नगर निगम के डिप्टी कंट्रोलर (लोकल ऑडिट) की रिपोर्ट के आधार पर पार्षद हाऊस की बैठक दौरान रोड स्वीपिंग में हो रहे स्कैंडल को उजागर किया गया था, जिसके बाद निगम कमिश्रर विशेष सारंगल ने इस स्कैंडल की जांच हेतु एक कमेटी गठित कर दी है जिसमें दोनों ज्वाइंट कमिश्ररों डा. शिखा भगत व गुरविन्द्र कौर रंधावा के अतिरिक्त डी.सी.एफ.ए. और डी.सी.एल.ए. को शामिल किया गया है।

गौरतलब है कि इस समय सत्ता में बैठी कांग्रेसी पार्टी के अधिकांश पार्षद तथा पिछले हाऊस दौरान विपक्ष के नेता रहे जगदीश राज राजा (जो इस समय मेयर पद पर विराजमान हैं) इस रोड स्वीपिंग प्रोजैक्ट के खिलाफ रहे और इसे अदालत तक घसीट कर ले गए। यह अलग बात है कि अदालत में फैसला उनके हक में नहीं आया। अब मेयर बनने के बाद स्वीपिंग मशीन प्रोजैक्ट को लेकर मेयर राजा के तेवर तीखे हो गए हैं और उन्होंने आरोप लगाया है कि स्वीपिंग मशीनों की अब तक बनती 11 करोड़ रुपए की पेमैंट से 7 करोड़ रुपए का घोटाला हुआ है।

मेयर ने गत दिवस हाऊस को बताया था कि कम्पनी एक दिन छोड़ कर सफाई कर रही है जबकि पार्षद हाऊस तथा एफ. एंड सी.सी. में पास हुआ था कि सफाई रोजाना होगी।  टैंडर 3 साल का लगाया गया था परन्तु मामले को हाऊस में लाए बगैर कांट्रैक्ट 5 साल का कर दिया गया। कम्पनी द्वारा चार्ज किए जा रहे रेटों में भी गड़बड़ी है और कांट्रैक्ट लेते समय कम्पनी ने जो-जो वायदे किए उनमें से ज्यादातर काम नहीं किए जा रहे।

कम्पनी की वर्किंग देख रहे निगम स्टाफ पर भी शक
नगर निगम ने स्वीपिंग मशीन कम्पनी की वर्किंग को चैक करने के लिए कुछ स्टाफ सदस्यों की ड्यूटी लगा रखी है परन्तु मेयर जगदीश राजा का मानना है कि यह स्टाफ सदस्य भी कम्पनी से मिल गए हैं और निगम का हित देखने की बजाय कम्पनी का साथ दे रहे हैं। कम्पनी के कामों की चैकिंग बिल्कुल नहीं हो रही और जिन अधिकारियों पर वर्किंग को चैक करने की जिम्मेदारी है वह खानापूर्ति कर रहे हैं तथा सिर्फ कम्पनी के बिल बनाने तक सीमित हैं। मेयर ने कहा कि इसकी भी पूरी जांच करवाई जाएगी।


 

Anjna