पिछले 5 साल की अपनी नाकामियों को ही ‘हाईलाइट’ करने में लगी हुई है कांग्रेस

punjabkesari.in Sunday, Jul 10, 2022 - 11:45 AM (IST)

जालंधर(खुराना): पिछले 5 साल पंजाब पर कांग्रेस का राज रहा और करीब साढ़े 4 साल से जालंधर निगम की सत्ता पर भी कांग्रेस काबिज रही परंतु इस कार्यकाल दौरान जहां पंजाब में लूट मची रही वहीं जालंधर निगम में भी कांग्रेसियों की नाकामियों का ही बोलबाला रहा। अब जबकि निगम चुनावों को 6 महीने का समय भी शेष नहीं रह गया है ऐसे में कांग्रेस ने अब पिछले 5 साल की अपनी नाकामियों को ही हाईलाइट करना शुरू कर दिया है जो समझ से परे है।

गौरतलब है कि कुछ माह पहले कांग्रेसियों ने शहर के विज्ञापनों के मामले में एक बड़े स्कैंडल का पर्दाफाश किया और पार्षद हाउस की विशेष बैठक बुलाकर उसमें सर्वसम्मति से फैसले भी लिए परंतु हालात यह है कि पंजाब और जालंधर में कांग्रेस का राज होने के बावजूद शहर के कांग्रेसियों की एक नहीं चली और एक अफसर ने ही शहर की पूरी कांग्रेस को घुमा कर रख दिया। विज्ञापनों के मामले में जालंधर निगम के पार्षद हाऊस का फैसला आज भी चंडीगढ़ के सरकारी दफ्तरों की फाइलों में धूल फांक रहा है और पूरा जोर लगाने के बावजूद भी शहर के कांग्रेसी उस मामले में किसी का कुछ नहीं बिगाड़ पाए।

अब एल.ई.डी. मामले में भी कांग्रेस को मुंह की खानी पड़ेगी
विज्ञापनों से संबंधित मामले में अपनी बेइज्जती करवाने वाली कांग्रेस अब अपने कार्यकाल दौरान हुए एल.ई.डी घोटाले का पर्दाफाश करने में लगी हुई है परंतु माना जा रहा है कि इस मामले में भी कांग्रेस को मुंह की खानी पड़ेगी और चाह कर भी शहर के कांग्रेसी अफसरशाही का कुछ नहीं बिगाड़ सकेंगे। 

गौरतलब है कि अपनी नाकामी की वजह से कांग्रेस ने जहां अपने कार्यकाल के दौरान विज्ञापनों की आय के रूप में आने वाली करोड़ों रुपए की राशि का नुकसान कर दिया वहीं अपने चहेतों को फेवर देने के चक्कर में यह कांग्रेसी विज्ञापनों का एक टैंडर तक सिरे नहीं चढ़ा सके। वैसा ही हाल एल.ई.डी मामले में भी देखने को मिल रहा है। पिछले 2 साल से यह प्रोजैक्ट चला आ रहा है और अब करीब-करीब पूरा भी हो चुका है। कंपनी अपनी ज्यादातर पेमैंट लेकर दिल्ली जा चुकी है और अब इसके कारिंदे ही लाइटों की मेंटेनेंस इत्यादि का काम कर रहे हैं। अब जाकर कांग्रेसियों को इस प्रोजैक्ट में घोटाले की याद आई है जब शहर में 70 हजार से ज्यादा लाइटें टांगी जा चुकी हैं।

इनकी आंखों के सामने ही हुए स्मार्ट सिटी के करोड़ों के घोटाले
कुछ समय पहले तक शहर में चारों विधायक कांग्रेस के थे और मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर, डिप्टी मेयर समेत 65 पार्षदों का बहुमत कांग्रेस के पास था परंतु फिर भी यह सभी मिलकर नगर निगम तो क्या, स्मार्ट सिटी की अफसरशाही को भी कंट्रोल नहीं कर सके। इन सबकी आंखों के सामने ही स्मार्ट सिटी के करोड़ों के स्कैंडल हो गए। काफी सारा पैसा ठेकेदारों और अफसरों के बीच कमीशन के रूप में बंट गया और सैकड़ों करोड़ रुपए खर्च होने के बावजूद शहर जरा सा भी स्मार्ट नहीं हुआ। अब इन्हीं कांग्रेसियों को स्मार्ट सिटी के घोटाले उठाने की याद आ गई है।

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Content Writer

Sunita sarangal

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