कांग्रेसी विधायकों तक की परवाह नहीं कर रहे निगम अधिकारी

punjabkesari.in Thursday, Feb 13, 2020 - 09:23 AM (IST)

जालंधर(खुराना): अकसर जब किसी राज्य में विधानसभा चुनावों का समय निकट आता है तो सबसे पहले उस राज्य की अफसरशाही को ही इसका आभास होना शुरू हो जाता है कि अगली सरकार में किस पार्टी का पलड़ा भारी रहेगा इसलिए अक्सर उस राज्य की अफसरशाही समय रहते उसी पार्टी की ओर झुकना शुरू कर देती है ताकि नई सरकार में भी उनका दबदबा इत्यादि बना रहे और उन्हें परेशानी न आए।

कुछ ऐसा ही आजकल पंजाब विशेषकर जालंधर में देखने को मिल रहा है। जालंधर नगर निगम की बात करें तो यहां अफसरशाही पिछले कुछ समय से सत्तापक्ष यानी कांग्रेस की पकड़ से दूर होती जा रही है। अभी यह समझ नहीं आ रहा कि यह अफसरशाही विपक्ष की ओर झुक रही है या नहीं परंतु इतना तय है कि जालंधर निगम में ज्यादातर कांग्रेसियों की सुनवाई नहीं हो रही। शहर के कांग्रेसी नेताओं की बात तो जाने दें, जालंधर निगम में शहर के कांग्रेसी विधायकों की भी कितनी सुनवाई होती है, इसके दर्जनों उदाहरण गिनाए जा सकते हैं।

विधायक परगट व बावा हैनरी भी खुश नहीं
निगम की कार्यप्रणाली की बात करें तो बाकी दोनों विधायक परगट सिंह तथा बावा हैनरी भी ज्यादा खुश नहीं हैं। विधायक परगट सिंह ने साल-डेढ़ साल पहले छावनी क्षेत्र के 12 गांवों को निगम की सीमा में शामिल करवा लिया था परंतु निगम वहां न कोई सुविधा दे रहा है और न ही वहां का कोई सिस्टम बनाया जा रहा है। विधायक बावा हैनरी ने भी साल-डेढ़ साल पहले प्रताप बाग स्थित कूड़े के डम्प का दौरा करके चारदीवारी तो बनवा ली थी और डम्प का हल करने को कहा था परंतु आज वहां हालात पहले से भी ज्यादा बदतर हो चुके हैं। 

उत्तरी क्षेत्र के कई वार्डों में सीवर ओवरफ्लो की समस्या के पक्के समाधान की ओर भी निगम कोई खास प्रयास नहीं कर रहा। इस बीच पिछले दिनों दिल्ली में हुए चुनावों दौरान जिस प्रकार आम आदमी पार्टी (आप) ने विकास और शहर में बनाए गए सिस्टम के बल पर अप्रत्याशित जीत दर्ज की उससे भी शहर के विधायकों में यह परेशानी बढ़ने लगी है कि अगर शहर के विकास और सिस्टम में सुधार न किए गए तो आने वाले समय में बड़ा उलटफेर भी हो सकता है।

विधायक बेरी व मेयर के स्टैंड के उलट जा रहा निगम, जी.टी. रोड पर फिर लगनी शुरू हुई शू मार्किट
विधायक राजिन्द्र बेरी तथा मेयर जगदीश राजा ने कुछ दिन पहले कड़ा स्टैंड लेकर जहां मेन सड़कों पर लगते संडे बाजार को बंद करवाया था वहीं जी.टी. रोड किनारे रैडक्रॉस मार्कीट के बाहर लगती शू मार्किट पर भी कार्रवाई करके उसे हटा दिया था। अब नगर निगम विधायक बेरी व मेयर के स्टैंड के उलट जा रहा है क्योंकि वहां दोबारा शू मार्किट लग गई है, जिस कारण जी.टी. रोड का ट्रैफिक फिर प्रभावित होने लग पड़ा है। विधायक राजिन्द्र बेरी को अकसर काम करवाने के लिए निगम भी आना पड़ रहा है। उनकी शिकायत है कि निगमाधिकारी मनमर्जी से विकास कार्य करवा रहे हैं और विकास कार्यों की देरी के लिए भी जिम्मेदार हैं।

विधायक रिंकू की पत्नी के कहने पर भी तिरपालें तक नहीं खरीद पाया निगम
विधायक रिंकू को मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह का खासमखास तथा तेजतर्रार विधायक माना जाता है परंतु उनकी पत्नी के कहने पर भी जालंधर निगम अपनी कूड़े वाली गाड़ियों को ढकने के लिए तिरपालें तक नहीं खरीद पाया। गौरतलब है कि विधायक रिंकू की धर्मपत्नी डा. सुनीता रिंकू न केवल जालंधर निगम में पार्षद हैं बल्कि अपने वार्ड में काफी सरगर्म भी रहती हैं। उन्होंने करीब 3 माह पहले हुई पार्षद हाऊस की बैठक में यह मुद्दा जोर-शोर से उठाया था कि शहर में निगम की कूड़े की गाड़ियां सड़कों पर गंदगी बिखेरते हुए जाती हैं इसलिए उन्हें तिरपालों इत्यादि से ढकने का प्रबंध किया जाए। आज भी निगम की 100-150 गाड़ियां बिना ढके ही कूड़ा लाती और ले जाती हैं। 

निगम का अपना बजट करीब 600 करोड़ रुपए का है परंतु मात्र कुछ हजार रुपए की तिरपालें निगम से नहीं खरीदी जा रहीं। पार्षद डा. सुनीता रिंकू ने इसी विषय पर फिर निगमाधिकारियों से बात की और उन्हें बताया कि सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन्स के मुताबिक भी कूड़े से भरी गाड़ियों को तिरपाल से ढकना जरूरी है। इस बैठक दौरान उन्होंने अपने वार्ड में जगह-जगह लगे कूड़े के ढेरों बारे भी निगमाधिकारियों से शिकायत की। साथ ही उन्होंने रोड स्वीपिंग का काम भी सही ढंग से करने के निर्देश दिए और सफाई संबंधी शैड्यूल बनाने को कहा।

Edited By

Sunita sarangal