शहर की 167 अवैध बिल्डिंगों व कालोनियों पर निगम की कार्रवाई किसी भी समय

punjabkesari.in Friday, Nov 08, 2019 - 04:27 PM (IST)

जालंधर(खुराना): आर.टी.आई. एक्टिविस्ट सिमरनजीत सिंह ने पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में शहर की 448 अवैध बिल्डिंगों व अवैध कालोनियों को लेकर जो जनहित याचिका दायर कर रखी है, उसके मद्देनजर नगर निगम द्वारा शहर में इन दिनों डिमोलेशन अभियान चलाया जा रहा है और माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में शहर की 167 अवैध बिल्डिंगों व अवैध कालोनियों पर कभी भी कार्रवाई हो सकती है। 

निगम ने हाईकोर्ट में लगाया हुआ है स्टाफ न होने का बहाना
पता चला है कि निगम ने अदालत के समक्ष जो एक्शन टेकन रिपोर्ट भेजी है उसमें 167 ऐसी अवैध बिल्डिंगों व कालोनियों का जिक्र है जिन पर कार्रवाई न होने के लिए निगम ने एक ही बहाना लगाया है कि उसके पास समुचित स्टाफ नहीं है। स्टाफ की कमी के चलते शहर की इतनी अवैध बिल्डिंगों व कालोनियों पर कार्रवाई न करना निगम की कार्यप्रणाली पर कई प्रश्न चिन्ह खड़े करता है।

गौरतलब है कि आज से करीब डेढ़ साल पहले जब तत्कालीन लोकल बॉडीज मंत्री नवजोत सिद्धू ने शहर की अवैध बिल्डिंगों पर अचानक छापेमारी की थी तो जालंधर के हालात देख कर उन्होंने बिल्डिंग विभाग के 9 बड़े अधिकारियों को सस्पैंड कर दिया था, जिन्हें साल बाद बहाल तो किया गया, परंतु एकाध को छोड़ कर किसी अधिकारी को जालंधर में पोस्टिंग नहीं दी गई। उसी समय से जालंधर निगम के बिल्डिंग विभाग में स्टाफ की भारी कमी चल रही है और नए लोकल बॉडीज मंत्री ब्रह्म मोहिन्द्र ने भी इस मामले में कुछ नहीं किया।

निगम की एक्शन टेकन रिपोर्ट के प्रमुख अंश
अदालत को सौंपी जा रही एक्शन टेकन रिपोर्ट में निगम ने याचिका में शामिल सभी 448 अवैध बिल्डिंगों/कालोनियों पर कार्रवाई के विभिन्न कारण दिए हैं जो इस प्रकार हैं:
167 बिल्डिंगें: स्टाफ की कमी के कारण एक्शन पैंडिंग।
70 बिल्डिंगें: इन्हें सील किया जा चुका है।
29 बिल्डिंगें: इन्होंने रैगुलराइजेशन पॉलिसी के तहत अप्लाई कर रखा है।
27 बिल्डिंगें: इन्हें कम्पाऊंड किया जा चुका है।
25 बिल्डिंगें: इन्होंने वन टाइम सैटलमैंट पॉलिसी के तहत अप्लाई कर रखा है।
25 बिल्डिंगें: इन बिल्डिंगों का प्लान पास हो चुका है।
21 बिल्डिंगें: इन्हें कम्प्लीशन सर्टीफिकेट जारी हो चुका है।
21 बिल्डिंगें: इन्हें कम्पाऊंड करने की प्रक्रिया चल रही है।
13 बिल्डिंगें: इन पर किसी एक्शन की जरूरत नहीं है।
11 बिल्डिंगें: इनके विभिन्न कोर्ट केस पैंडिंग हैं।
8 बिल्डिंगें: इन्हें डिमॉलिश किया जा चुका है।
5 बिल्डिंगें: इनकी सीलें खोली जा चुकी हैं।
4 बिल्डिंगें: इन्हें ठीक किया जा चुका है।

Edited By

Sunita sarangal