बस स्टैंड के सामने स्ट्रीट वैंडिंग जोन को बड़ा करेगा निगम

punjabkesari.in Tuesday, Jan 21, 2020 - 08:35 AM (IST)

जालंधर(खुराना/ चोपड़ा): स्ट्रीट वैंडिंग पॉलिसी के तहत जालंधर नगर निगम ने पहला स्ट्रीट वैंडिंग जोन शहर के मेन बस स्टैंड के सामने जसवंत मोटर्स के निकट बनाया है जिसे अब और बड़ा किया जा रहा है। फिलहाल इस छोटे से वैंडिंग जोन में करीब 70 रेहड़ियों को एक साथ खड़ा करने की क्षमता है, परंतु अब निगम ने इसके साथ लगते ऑटो स्टैंड को शिफ्ट करने की योजना बनाई है। इसके तहत ऑटो स्टैंड वाला क्षेत्र भी स्ट्रीट वैंडिंग जोन में शामिल किया जाएगा और वहां भी पेंट से मार्किंग कर रेहड़ियों के लिए जगह अलॉट की जाएगी। इससे वहां कुल 150 के करीब रेहड़ियों को खड़ा करने की क्षमता होगी। आने वाले दिनों में निगम ऑटो स्टैंड को शिफ्ट कर उन्हें बस स्टैंड फ्लाईओवर के नीचे ही जगह देने पर विचार कर रहा है। इस प्रोजैक्ट की देखरेख ज्वाइंट कमिश्नर हरचरण सिंह द्वारा की जा रही है।

गढ़ा रोड के कब्जाधारियों पर हो सकती है कार्रवाई  
शहर के अस्थायी कब्जों को हटाने की प्रक्रिया के तहत नगर निगम व ट्रैफिक पुलिस द्वारा आने वाले दिनों में गढ़ा रोड पर बस स्टैंड की दीवार के निकट कब्जा कर बैठे दुकानदारों पर कार्रवाई की जा सकती है। चाहे इन दुकानदारों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर रखी है, परंतु अभी तक उन्हें अदालत से कोई राहत नहीं मिली है, इसलिए नगर निगम उन्हें एक मौका देकर नए स्ट्रीट वैंडिंग जोन में शिफ्ट करने का दबाव डाल सकता है।गौरतलब है कि इन कब्जों के कारण बस स्टैंड से लेकर डिफैंस कालोनी फाटक तक ट्रैफिक काफी प्रभावित होता है। निगम इस मामले में अदालती केस जीत चुका है, परंतु राजनीतिक दखलअंदाजी के कारण निगम इन कब्जों को खाली नहीं करवा पाया था। 

ऑटो यूनियन ने डिप्टी कमिश्नर को सौंपा मांग-पत्र
जालंधर ऑटो रिक्शा वर्कर्ज यूनियन ने नगर निगम की धक्केशाही के खिलाफ जिलाधीश कार्यालय में प्रदर्शन किया। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने कहा कि माननीय हाईकोर्ट ने नगर निगम को आदेश दे रखे हैं कि ऑटो रिक्शा खड़े करने के लिए स्टैंड दिए जाएं, परन्तु निगम हाईकोर्ट के आदेशों का उल्लंघन कर उन्हें उजाड़ने पर तुला हुआ है।

यूनियन के प्रधान प्रीतम सिंह मसूरिया, हरजिन्द्र सिंह, अमरजीत सिंह ने कहा कि ऐसे ही एक ऑटो रिक्शा यूनियन के स्टैंड, जोकि वार मैमोरियल के नजदीक और जसवंत मोटर्स के सामने पिछले 40 साल से चलता आ रहा है, को निगम उजाड़ने जा रहा है। पहले हमें निगम ने समझौता कर आधा स्टैंड दिया था, परन्तु अब वहां से भी निकाला जा रहा है। निगम द्वारा इस जगह पर रेहड़ियां लगवाने के लिए सैंकड़ों ऑटो रिक्शा चालकों और उनके परिवारों को भुखमरी की कगार पर पहुंचने के लिए मजबूर किया जा रहा है। अगर प्रशासन ने हमारी सुध न ली तो ऑटो रिक्शा यूनियन कड़ा संघर्ष करने को मजबूर होगी। 

Edited By

Sunita sarangal