कमालपुर गौशाला में लापरवाही से मर रही गऊएं

punjabkesari.in Wednesday, Jan 15, 2020 - 04:15 PM (IST)

जालंधर(खुराना): पंजाब सरकार ने कुछ साल पहले गौधन की सम्भाल हेतु राज्य में काऊ सैस लागू किया था जिसके तहत करोड़ों रुपए पंजाब सरकार के विभिन्न निगमों के खजाने में जमा हो चुके हैं परंतु इस पैसे का इस्तेमाल गौधन की संभाल हेतु कितना किया जा रहा है, का अंदाजा राज्य की उन गौशालाओं में जाकर आसानी से लगाया जा सकता है जो प्रशासन यानी सरकारी अधिकारियों के अधीन चल रही हैं।  

ऐसी ही एक सरकारी गऊशाला कपूरथला से करीब 8 किलोमीटर दूर सुल्तानपुर लोधी को जाने वाली सड़क पर गांव कमालपुर में बनी है, जिसके हालात इन दिनों काफी खराब हैं। कंपकंपाती ठंड के बीच गऊओं को बिना छत और कीचड़ में रहना पड़ रहा है। गोबर और गऊओं के मलमूत्र तथा पानी इत्यादि से पनपा यह कीचड़ पूरी गऊशाला के इंतजामों को ही सवालों के घेरे में खड़ा कर रहा है। अब इस गऊशाला के प्रबंधकों पर घोर लापरवाही बरतने के आरोप लगे हैं, जिसके चलते पिछले कुछ सप्ताह कई गऊओं की मौत हो चुकी है। हद इस बात की है कि मरने वाली गऊओं के शव भी गऊशाला परिसर में ही गड्ढे खोद कर दफनाए जा रहे हैं। विडम्बना है कि काऊ सैस की करोड़ों की हर माह धनराशि सरकार जनता से वसूल रही पर उसे गौशाला वालों को रिलीज नहीं कर रही है।  

गांव वालों ने बनाई वीडियो
कमालपुर गऊशाला में लापरवाही के कारण मर रही गऊओं और उन्हें गऊशाला में ही चारदीवारी के निकट डिच मशीन से गड्ढा खोद कर दफनाने के दृश्यों की वीडियो रिकार्डिंग गांव निवासियों ने कर रखी है परंतु अब उन्हें मैनेज करने का प्रयास चल रहा है। कुछ सरकारी अधिकारी मामले को दबाने में लगे हुए हैं। मांग की जा रही है कि इस मामले की उच्चस्तरीय जांच हो और वहां गऊओं के रखे जाते रिकार्ड तथा शवों का पता लगाया जाए तथा उन्हें दफनाने वालों की पहचान की जाए।

गौभक्त ने मामला डी.सी. और सी.एम. तक पहुंचाया
जालंधर निवासी गौभक्त दीपक ज्योति ने कुछ सप्ताह पहले कमालपुर गौशाला का दौरा करके वहां के हालातों को नरक जैसा बताया था और इस बारे शिकायत कपूरथला की डिप्टी कमिश्नर, विभाग के डिप्टी डायरैक्टर तथा मुख्यमंत्री के ओ.एस.डी. सोनू ढेसी तक को की थी। इसके बावजूद गौशाला के हालात सुधरने की बजाय निरंतर बिगड़ रहे हैं। दीपक ज्योति का आरोप है कि वहां पूरा चारा न मिलने से गौधन को भूखा रहना पड़ रहा है, जिस कारण भी पशु मर रहे हैं। वहां पशुओं के इलाज का भी उचित प्रबंध नहीं और वहां पर भी लापरवाही बरती जा रही है। उनका तो यह भी आरोप है कि गऊओं के लिए आया गुड़ इत्यादि भी कुछ लोग खुद हजम कर रहे हैं।

Edited By

Sunita sarangal