कच्चे माल की बढ़ती कीमतों पर लगाम जरूरी

punjabkesari.in Tuesday, Jun 19, 2018 - 07:21 AM (IST)

जालन्धर (धवन): लघु उद्योगों को जहां एक तरफ वैश्विक मुकाबलेबाजी से जूझना पड़ रहा है वहीं दूसरी ओर घरेलू मुश्किलें भी कम होती दिखाई नहीं दे रही हैं। एच.आर. इंटरनैशनल ग्रुप के डायरैक्टर सुरेश शर्मा ने कहा कि चाहे अमरीकी अर्थव्यवस्था इस समय ठीक दौर से गुजर रही है परन्तु घरेलू फ्रंट पर भारतीय निर्यातकों के सामने पिछले कुछ महीनों से अनेकों मुश्किलें पैदा हो चुकी हैं। उन्होंने कहा कि तेल कीमतों में हाल ही के कुछ महीनों में हुई बढ़ौतरी ने लघु उद्योगों पर भारी बोझ डाल दिया है। तेल कीमतों पर लगाम लगाने के लिए भारत सरकार को पैट्रोल व डीजल पर एक्साइज ड्यूटी में कमी लानी चाहिए।

उन्होंने कहा कि स्टील की कीमतों में हाल ही में 35 प्रतिशत तक की बढ़ौतरी हो चुकी है। इसी तरह से अन्य कच्चे माल की कीमतों में भी भारी बढ़ौतरी दर्ज की गई है जिससे उत्पादन लागत बढ़ चुकी है। भारत के उद्यमियों व निर्यातकों पर दबाव पड़ रहा है कि वे निर्मित वस्तुओं की कीमतों में कमी करें क्योंकि चीन व अन्य देश सस्ती वस्तुएं वैश्विक बाजार में उतार रहे हैं। भारत सरकार जब तक लघु उद्यमियों को सहयोग नहीं देगी तब तक इस मसले का हल निकलना संभव नहीं है।

उन्होंने कहा कि कच्चे माल की सप्लाई करने वाले सप्लायर्स ने आपस में ‘कार्टेल’ बना लिया है जो मनमाने ढंग से कीमतों को लगातार बढ़ाते जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि या तो भारत सरकार को लघु उद्योगों को सबसिडी देनी चाहिए या फिर कार्टेल बनाने वाले सप्लायर्स पर लगाम कसनी चाहिए। सुरेश शर्मा ने कहा कि हैंडटूल इंडस्ट्री पर भी पिछले कुछ समय से लगातार दबाव बढ़ रहा है। उत्पादन लागत में 20 प्रतिशत की बढ़ौतरी हुई है। उन्होंने कहा कि अब विश्व में मुकाबला इतना अधिक बढ़ चुका है कि माल मंगवाने वाले देशों के पास अनेकों विकल्प उपलब्ध हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय इंडस्ट्री को बचाना इस समय सरकार की प्राथमिकता में पहले स्थान पर होना चाहिए।

Anjna