बिना पुलिस वैरीफिकेशन के जालंधर में रह रहा था आतंकी यूसुफ रफीक

punjabkesari.in Friday, Oct 12, 2018 - 11:17 AM (IST)

जालंधर(वरुण): सी.टी. इंस्टीच्यूट से गिरफ्तार हुए 3 आतंकियों में से एक आतंकी जालंधर की मिठ्ठू बस्ती में बिना पुलिस की वैरीफिकेशन के रह रहा था। काफी समय वह मिठ्ठू बस्ती में किराए के मकान में पनाह लिए हुए था लेकिन जालंधर पुलिस को पता ही नहीं चल पाया।

इस तथ्य से यह बात क्लीयर हो गई कि मकान मालिक पुलिस के रूल्स को तो फॉलो कर ही नहीं रहे लेकिन पुलिस भी इन रूल्स को सख्ती से लागू नहीं करवा पा रही। थाना बस्ती बावा खेल के प्रभारी गगनदीप सिंह ने खुद माना कि आतंकी यूसुफ रफीक भट्टा के किराए पर रहने संबंधी उनके पास कोई वैरीफिकेशन नहीं आई थी। उन्होंने कहा कि जिस व्यक्ति के घर आतंकी रह रहा था, वह बुजुर्ग का घर है जिसके बच्चे विदेश में रहते हैं। उधर, यूसुफ के आतंकी संगठन से जुड़े होने के बाद जहां पर वह किराए पर रह रहा था वहां के लोग सहमे हुए हैं। लोगों से बात करनी चाही तो उन्होंने बात करने से साफ इंकार कर दिया। हालांकि कुछ युवाओं ने अपने नाम न बताते हुए यह जरूर कहा कि यूसुफ इलाके के लोगों से कोई बात नहीं करता था। वह सिर्फ अपने आप से मतलब रखता था। कभी-कभार कुछ युवक उससे मिलने आते थे लेकिन यह नहीं पता कि उक्त युवक गिरफ्तार हुए आतंकियों में से ही हैं या नहीं।
 

2017 में आपसी विवाद के बाद अलकायदा से अलग होकर जैश-ए-मोहम्मद के साथ जुड़ा था ए.जी.एच.
2017 से पहले अंसार गजवत-उल-हिंद (ए.जी.एच.) आतंकी संगठन अलकायदा (आतंकी संगठन) की देख-रेख में चल रहा था। इसी दौरान भारतीय सेना के एन्काऊंटर में मारे गए अलकायदा के आतंकवादियों के बाद इनमें कमांडर व अन्य पोस्ट को लेकर तकरार पैदा हो गई। एक पक्ष ने जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी जाकिर मूसा को अपना कमांडर घोषित कर दिया जिसके बाद ए.जी.एच. को अलकायदा से अलग कर लिया गया और 2017 के बाद इस संगठन को जैश-ए-मोहम्मद में मिला लिया गया। ए.जी.एच. और ए.क्यू.सी. एकमात्र ऐसे संगठन हैं जो मदरसे के टॉपर स्टूडैंट्स को अपने संगठन में जोड़ते हैं। ए.जी.एच. का एफ.बी. पेज भी बना है जिसमें 266 युवा सदस्य बने हुए हैं जबकि ए.जी.एच. का अपनी वैबसाइट पर दावा है कि उनके 4000 के करीब सदस्य हैं।


 

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