...बम ब्लास्ट होता तो लेना पड़ता निजी अस्पतालों का सहारा

punjabkesari.in Friday, Oct 12, 2018 - 11:28 AM (IST)

जालंधर (रत्ता): विगत दिवस सी.टी. इंस्टीच्यूट से पकड़े गए 3 आतंकी अगर अपने मक्सद में कामयाब हो जाते और भीड़भाड़ वाले क्षेत्र में बम ब्लास्ट या गोलीबारी कर देते तो घायलों के तुरन्त इलाज के लिए प्रशासन को निजी अस्पतालों का सहारा लेना पड़ता। महानगर के कुछ निजी अस्पतालों में आप्रेशन थिएटर की संख्या इस प्रकार है। 


आतंकियों को नजर आता है सिर्फ अपना लक्ष्य : मनोचिकित्सक
सिविल अस्पताल के नशा छुड़ाओ केंद्र में कार्यरत मनोचिकित्सक डा. अमन सूद ने कहा कि ऐसे आतंकियों का ब्रेन पहले पूरी तरह वॉश किया जाता है फिर उन्हें धर्म अथवा किसी अन्य बात का वास्ता देकर आतंक फैलाने संबंधी ट्रेनिंग दी जाती है। उन्होंने बताया कि आतंकियों को हमेशा सिर्फ अपना लक्ष्य ही नजर आता है और यह सामान्य लोगों की तरह उनमें घुल मिल जाते हैं तथा बाद में अपने काम को अंजाम देते हैं। एक सवाल के जवाब में डा. सूद ने कहा कि स्टूडैंट्स के भेष में पकड़े गए इन आतंकियों के बाद में अन्य कश्मीरी स्टूडैंट्स पर भी असर पड़ सकता है। 

एन.एच.एस. अस्पताल, कपूरथला रोड
5 आप्रेशन थिएटर, एमरजैंसी में 6 बैड जहां तुरन्त आप्रेशन किया जा सकता है।

पटेल अस्पताल, सिविल लाइंस
6 आप्रेशन थिएटर

कैपीटोल अस्पताल, नजदीक रेरू चौक
6 बड़े आप्रेशन थिएटर,1 छोटा आप्रेशन थिएटर

टैगोर अस्पताल, महावीर मार्ग
5 आप्रेशन थिएटर

आक्सफोर्ड अस्पताल, नजदीक नकोदर चौक
4 आप्रेशन थिएटर

सत्यम अस्पताल, कपूरथला चौक
2 बड़े आप्रेशन थिएटर 1 छोटा आप्रेशन थिएटर

पंजाब केसरी के पाठकों को सलाह
किसी भी अपात स्थिति से निपटने एवं सहायता के लिए पंजाब केसरी अपने पाठकों को सलाह देती है कि : 

-हमेशा अपने व आसपास के डाक्टर का नम्बर याद रखें।
-निकट के अस्पताल पहुंचने के लिए आसान व भीड़ रहित रास्ता अपनाएं।
-अपने व्हीकल में फस्र्ट ऐड किट अवश्य रखें।
-अपने मोबाइल को पासवर्ड न लगाएं।
 

Bhupinder Ratta