नवजात की मौत को लेकर सिविल अस्पताल में हंगामा

punjabkesari.in Wednesday, Dec 12, 2018 - 08:41 AM (IST)

जालंधर(शौरी): सिविल अस्पताल परिसर में स्थापित जच्चा-बच्चा वार्ड में एक महिला की डिलीवरी के बाद नवजात बच्चे की मौत हो गई। परिजनों व उनके समर्थन में आए लोगों का आरोप था कि डाक्टर व स्टाफ की लापरवाही के कारण ऐसा हुआ है। इस मामले की शिकायत सिविल सर्जन को दी गई है। 

सिविल सर्जन डा. राजेश बग्गा ने मामले की जांच एस.एम.ओ. डा. त्रिलोचन सिंह को सौंपी है। पीड़ित पवन निवासी लम्बा पिंड ने बताया कि वह अपनी पत्नी सरिता को गर्भवती हालत में बीती शाम सिविल अस्पताल में डिलीवरी के लिए लेकर आया। बाहर से पता चला था कि सरकारी अस्पताल होने के कारण पूरा उपचार फ्री व बढिय़ा होगा लेकिन पत्नी की देखभाल ठीक तरीके से नहीं की गई।

पत्नी बैड पर लेटी थी और प्रसव पीड़ा बढ़ती गई। बार-बार स्टाफ को कहने पर कोई नहीं आया। परिणामत: पत्नी ने खुद ही बैड पर बेटे को जन्म दिया। स्टाफ नर्स को बताया तो वह नवजात बच्चे को उठाकर टैंपरेचर कंट्रोल मशीन की तरफ लेकर गई और फिर बोली कि बच्चे की मौत हो गई है।पीड़ित पवन ने कहा कि पत्नी की दवाई भी बाहर से 2 हजार की खरीदनी पड़ी और 500 रुपए का टैस्ट सिविल अस्पताल के पिछले गेट पर चल रही लैबोरेटरी में करवाना पड़ा।

कम थी बच्चे की दिल की धड़कन : एस.एम.ओ.
वहीं एस.एम.ओ. गायनी डा. कुलविंद्र सिंह ने बताया कि उन्हें स्टाफ व डाक्टरों ने मरीज की हालत के बारे में बताया कि मरीज जब से अस्पताल पहुंची वह सीरियस थी और उसका बी.पी. पूरी तरह से हाई था। मरीज के परिजनों को पहले ही बता दिया गया था। बच्चे की दिल की धड़कन भी कम थी और डिलीवरी के तुरंत बाद ही उसकी मौत हो गई। यदि अस्पताल के आंकड़ों पर गौर किया जाए तो सबसे अधिक डिलीवरी सिविल अस्पताल जालंधर में होती हैं और नवजात बच्चे व उनकी माताएं सही-सलामत घरों को जाती हैं।

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