धोनी-सहवाग की अकादमी के बीच होगा 20-20, पॉलिटिक्स में एंट्री पर जानें क्या बोले हरभजन सिंह

punjabkesari.in Friday, Jun 01, 2018 - 02:47 PM (IST)

जालंधरः आईपीएल खत्म होते ही 'टर्बनेटर' हरभजन सिंह ने पॉलिटिक्स में एंट्री के सवाल पर बयान देते हुए बड़ी बात कही। दरअसल हरभजन सिंह ने पंजाब केसरी से खास बातचीत में कहा था कि वह नवजोत सिद्धू की राह पर चलते हुए राजनीति में आना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि मैं पंजाब के लोगों के लिए कुछ करना चाहता हूं। अगर कोई पार्टी मुझे ऑफर करती हैं तो राजनीति में जरूर आऊंगा और प्रदेश के विकास के लिए काम करना चाहूंगा।

हरभजन सिंह ने कहा कि राजनीति एक बेहतरीन प्लेटफॉर्म है। लोकतंत्र का अभिन्न अंग है। इसमें समाजसेवा करने की इच्छा रखने वाले लोगों के आने से सुधार होगा व लोगों की अपेक्षाएं भी पूरी होंगी। फिलहाल उन्हें सियासत में आने को लेकर किसी पार्टी की ओर से खास ऑफर नहीं मिला है। लिहाजा, ऑफर आने के बाद वह इसके लिए जरूर विचार करेंगे।

हरभजन सिंह ने एक और इच्छा जाहिर कि है कि उनकी जिंदगी पर जब भी कोई बायोपिक बने तो उसमें उनका किरदार रणवीर सिंह और उनकी पत्नी गीता का किरदार दीपिका पादुकोण निभाएं। उनकी बॉयोपिक में बॉलीवुड एक्टर रणवीर सिंह उनके जीवन के साथ फिल्म में न्याय कर सकते हैं और वहीं गीता बसरा के किरदार को दीपिका पादुकोण ही साकार कर सकती हैं।

 
वहीं हरभजन सिंह इंस्टीच्यूट ऑफ क्रिकेट की ओर से स. सरदेव सिंह स्मारक अंतर स्कूल (अंडर-17) टी-20 क्रिकेट टूर्नामैंट आई.वी.वाई. वल्र्ड स्कूल में शुक्रवार से करवाया जा रहा है। फिरकी गेंदबाज हरभजन सिंह ने बताया कि युवा वर्ग को क्रिकेट के क्षेत्र में एक नया आयाम देने की सोच के साथ करवाया जा रहा है। यह टूर्नामैंट उनके स्वर्गीय पिता को भी एक श्रद्धांजलि होगा। 1 से 8 जून तक करवाए जाने वाले इस टूर्नामैंट में उनकी अकादमी के साथ-साथ एम.एस. धोनी अकादमी, युवराज सिंह अकादमी, सहवाग क्रिकेट अकादमी, आशीष नेहरा क्रि केट अकादमी, सोढी क्रिकेट अकादमी तथा आई.वी.वाई. स्कूल सहित कुल-8 टीमें भाग लेंगी। 

हरभजन ने क्रि केट के क्षेत्र में प्रतिभा की अनदेखी पर चिंता जताई
हरभजन सिंह ने अच्छे क्रिकेटरों की अनदेखी पर ङ्क्षचता प्रकट करते हुए कहा कि पंजाब में प्रतिभावान खिलाडिय़ों की कोई कमी नहीं है। पिछले कुछ वर्षों से क्रिकेट के क्षेत्र में अच्छा मूलभूत ढांचा स्कूली स्तर पर विकसित हुआ है, जिससे बज्जों को शुरूआत में ही अपनी प्रतिभा निखारने का अवसर मिलता है। राज्य में विभिन्न जिलों में चलाई जा रही अकादमियों में कई बार ऐसे प्रतिभावान खिलाडिय़ों को अनदेखा कर अपनी अकादमी में अभ्यासरत प्रशिक्षुओं को प्राथमिकता दी जाती है। हरभजन ने सुझाव दिया कि खिलाड़ी का चयन पूर्णतया मैरिट के आधार पर होना चाहिए।

Sonia Goswami