PIMS में सामने आई बड़ी लापरवाही, एक का डिस्चार्ज कार्ड दूसरे को दिया, हालत बिगड़ी

punjabkesari.in Friday, Mar 08, 2019 - 09:41 AM (IST)

जालंधर(अमित): पंजाब इंस्टीच्यूट ऑफ मैडीकल साइंस (पिम्स) गढ़ा रोड जालंधर में गुरुवार को बड़ी लापरवाही का मामला सामने आया है, जिसमें एक मरीज की जान तक के साथ खिलवाड़ किया गया है।

जानकारी के मुताबिक एक प्रवासी मजदूर को किसी अन्य मरीज का डिस्चार्ज कार्ड दे दिया गया, जिसके बाद वह कई दिनों तक गलत दवाइयों का सेवन करता रहा और उसकी हालत बिगड़ गई, मगर अपनी गलती स्वीकारने की जगह दोषी डाक्टरों ने उसे दाखिल करने से मना कर दिया और बाद में मरीज को जबरदस्ती अस्पताल से बाहर निकाल दिया। इसके उपरांत मरीज के परिजनों और गांव के गण्यमान्यों ने उसे सिविल अस्पताल की एमरजैंसी में दाखिल करवाया। 


क्या है मामला 
सुभाना निवासी 60 वर्षीय ननकू पासवान 20-25 दिन पहले बीमार हुआ था। सांस की तकलीफ के चलते उसे गत 14 फरवरी को पिम्स अस्पताल में दाखिल किया गया था, जहां से उसे 23 फरवरी को छुट्टी मिल गई थी। डिस्चार्ज के दौरान ननकू को दवाइयों की एक स्लिप दी गई। लगभग 15 दिन उसने दवाइयों का सेवन किया, मगर आराम आने की जगह उसकी हालत दिन-प्रतिदिन बिगडऩे लगी। ननकू के परिजनों ने गांव के सरपंच मलकीत सिंह के पास जाकर सारे मामले की जानकारी दी।  सरपंच ने जब ध्यान से ननकू को दी गई दवाइयों की स्लिप देखी तो उनके पैरों तले जमीन ही खिसक गई, क्योंकि ननकू को जो स्लिप दी गई थी, वह 36 वर्षीय किसी अनमोल नामक युवक के नाम पर लिखी गई दवाइयों की थी। इसके बाद सरपंच मलकीत सिंह ने पिम्स के डा. कुलबीर शर्मा को फोन किया और मामले से अवगत करवाया, परंतु डाक्टर ने अपनी गलती मानने की जगह उलटा जवाब दिया कि 39 साल के आदमी की दवाई 60 साल के आदमी को दी जा सकती है। इसमें कोई गलत बात नहीं है। डाक्टर ने कहा कि आप मरीज को अस्पताल भेज दीजिए, वह देख लेंगे, मगर अस्पताल भेजने पर वहां मौजूद स्टाफ ने उसे एडमिट करने से साफ तौर पर मना कर दिया।  इस अवसर पर उनके साथ भारतीय कन्नौजिया महासभा के चेयरमैन राकेश कन्नौजिया, गुरदीप सिंह, विनय, मनोज ठाकुर, विजय सोंधी, शांगा, प्रेमा, रौक, मिंदी, करन आदि उपस्थित थे।

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