प्रसिद्ध एवं वरिष्ठ सर्जन डा. शंगारा सिंह नहीं रहे
punjabkesari.in Wednesday, Sep 11, 2019 - 12:45 PM (IST)
जालंधर(रत्ता): सर्जरी के क्षेत्र में अपनी एक अलग पहचान बनाने वाले प्रसिद्ध एवं वरिष्ठ सर्जन डा. शंगारा सिंह का मंगलवार सुबह निधन हो गया। सन् 1934 में सरदार सुंदर सिंह व सरदारनी बलवंत कौर के घर पैदा हुए डा. शंगारा सिंह ने अपनी एम.बी.बी.एस. की पढ़ाई मैडीकल कॉलेज अमृतसर में करने के उपरांत वहीं पर एम.एस. सर्जरी की तथा सन् 1964 में सरकारी नौकरी मिलने के पश्चात जालंधर के सिविल अस्पताल में अपना कार्यभार संभाला।
अपनी पूरी नौकरी के दौरान बेदाग रहे स्व. डा. शंगारा सिंह हमेशा रोगियों की सेवा के लिए तत्पर रहते थे। सन् 1980-81 में प्री-मैच्योर रिटायरमेंट लेने के उपरांत उन्होंने लिंक रोड पर अपना निजी अस्पताल शुरू किया। डा. शंगारा सिंह व उनकी पत्नी गुरजीत कौर ने अपनी बेटी सरबजीत कौर व बेटों डा. जे.पी. सिंह तथा डा. राजिन्द्र पाल सिंह को जहां खूब पढ़ाया-लिखाया, वहीं अच्छे संस्कार भी दिए। स्व. डा. शंगारा सिंह का अंतिम संस्कार 12 सितम्बर को बाद दोपहर 4 बजे मॉडल टाऊन श्मशानघाट में होगा।
आदर्श पति के साथ-साथ अच्छे दोस्त भी थे
उनकी धर्मपत्नी गुरजीत कौर ने बताया कि वह एक आदर्श पति होने के साथ-साथ अच्छे दोस्त भी थे और पूरा जीवन उन्होंने हर कदम पर उन्हें दोस्त की तरह सलाह भी दी।
पिता के साथ-साथ एक गुरु भी थे
उनके बेटे डा. जे.पी. सिंह का कहना है कि वह पिता होने के साथ-साथ एक गुरु भी थे जोकि समय-समय पर उन्हें कुछ न कुछ सिखाते भी रहते थे।
हमेशा सच्चाई के लिए प्रेरित करते थे
उनकी पुत्रवधू डा. गुरप्रीत कौर ने कहा कि वह हमेशा सिर्फ अपने बच्चों को नहीं बल्कि सभी को सच्चाई के लिए प्रेरित करते थे।
दयालु एवं नेकदिल इंसान थे
डा. भारत भूषण ने कहा कि वह एक दयालु एवं नेकदिल इंसान थे और उन्होंने कभी किसी पर गुस्सा नहीं किया था।