डा. एस.के. कालिया का वैटर्नरी डाक्टर से डी.आई.जी. तक का सफर

punjabkesari.in Monday, Feb 11, 2019 - 09:17 AM (IST)

जालंधर(बुलंद): डा. सुरिंद्र कुमार कालिया डी.आई.जी. पंजाब पुलिस के नाम से पंजाब के लोग अच्छी तरह वाकिफ हैं। जालंधर में डी.आई.जी. (पी.ए.पी.) के तौर पर तैनात एस.के. कालिया असल में पुलिस की नौकरी से पहले वैटर्नरी डाक्टर रहे हैं। पंजाब केसरी से खास बातचीत में डी.आई.जी. कालिया ने अपनी निजी व सरकारी तजुर्बे सांझा किए।

2013 में हुए एक्सीडैंट के बाद मिली नई जिंदगी
पठानकोट में एस.एस.पी. के तौर पर तैनाती के दौरान 2.9.2013 को जालंधर से पठानकोट जाते हुई एक सड़क दुर्घटना में उन्हें गंभीर चोटें लगीं और उनके साथ बैठे एक रिपोर्टर की मृत्यु हो गई। दुर्घटना के बाद लगी गंभीर चोटों के चलते 3 महीने अस्पताल में दाखिल रहे। इसके बाद 2014 में पी.ए.पी. जालंधर में ए.आई.जी. के तौर पर तैनात किया गया। यहीं से फिर विजीलैंस की कमान संभालने का मौका मिला और 2017 में मुझे प्रोमोट करके डी.आई.जी. लगाया गया। अब मैं डी.आई.जी. ट्रेङ्क्षनग व एडमिन (एडमिन, कमांडो, पटियाला) के तौर पर सेवाएं निभा रहा हूं।

बचपन में वजीफा और एस.एस.पी. बनकर जीता राष्ट्रपति पुलिस मैडल
मेरा जन्म 1961 में कपूरथला के गांव भुलत्थ के साथ लगते गांव खस्सण में हुआ। 10वीं तक की शिक्षा गांव के ही सरकारी स्कूल से हासिल की। 8वीं से ही सरकार से वजीफा मिलने लगा, क्योंकि पढ़ाई में मैं हमेशा अव्वल ही रहा। 1978 में प्री-मैडीकल की परीक्षा डी.ए.वी. कॉलेज जालंधर से पास की और 1983 में पी.ए.यू., लुधियाना से वैटर्नरी डाक्टर की डिग्री हासिल की।

इसी साल पंजाब सरकार में वैटर्नरी डाक्टर के तौर पर सलैक्शन हुई। इसके बाद कम्पीटिशन एग्जाम की तैयारी करते हुए 1990 में पंजाब पुलिस में डी.एस.पी. के पद के लिए सलैक्ट हुए। जालंधर और मुकेरियां में डी.एस.पी. के तौर पर लंबे समय तक तैनाती के बाद 1997 में एस.पी. के तौर पर प्रोमोट होकर कई पुरस्कार हासिल किए। प्रोमोट करके 2011 में मुझे पठानकोट का एस.एस.पी. तैनात किया गया। 15 अगस्त 2011 को मुझे राष्ट्रपति पुलिस मैडल से सम्मानित किया गया।

Anjna