पाकिस्तानी रेंजर्स करते हैं Smugglers मदद, ऐसे पहुंचती है भारत में जहरीली ड्रग्स

punjabkesari.in Friday, Sep 13, 2019 - 10:44 AM (IST)

जालंधर: पाकिस्तानी रेंजर्स की एक और नापाक हरकत सामने आई है। हाल ही में गिरफ्तार किए गए पाक से हैरोइन मंगवाने वाले तस्कर मक्खन सिंह से पूछताछ में एक बड़ा खुलासा हुआ है। तस्कर ने पूछताछ में बताया कि पाकिस्तान से उनके खेतों तक हैरोइन पहुंचाने के लिए पाक रेंजर्स सारी मदद करते हैं। वही पाक तस्करों को नो मैन्स लैंड तक पहुंचाते हैं और बी.एस.एफ. के जवानों से बच निकालने व भारतीय खेतों की तरफ हैरोइन फैंकने के बाद उन्हें वापस पाकिस्तान की हद में वापस ले जाते हैं। 

पाकिस्तानी रेंजर्स ही तस्करों को बी.एस.एफ. की टीम की पैट्रोलिंग की सारी जानकारी देते हैं। जैसे ही बी.एस.एफ. उक्त एरिया से पैट्रोलिंग कर निकल जाती है तो पाक रेंजर्स की मदद से डैड लाइन पार कर आए पाकिस्तान के तस्कर भारत की तरफ हैरोइन के पैकेट फैंक देते हैं। ज्यादातर सप्लाई आधा किलो की पैकिंग में होती है, जिसे फैंकना आसान होता है। इसके अलावा फसल लंबी होने के कारण तस्करों की मूवमैंट का कुछ पता नहीं चलता। पाक के तस्कर भारतीय तस्करों को हैरोइन बेचने व खुद के डिफैंस के लिए 30 बोर का वैपन भी गिफ्ट करते हैं। इस वैपन की कीमत 80 हजार से 1 लाख रुपए के बीच है जो चाइना मेड है। हालांकि यह वैपन पाकिस्तान व अफगानिस्तान में भी तैयार किया जाता है। 30 बोर के वैपन का किसी समय पंजाब में आतंकवाद के दौर में काफी ज्यादा इस्तेमाल होता था।

उस समय ए.के.-47 राइफल के साथ 30 बोर के वैपन भी पंजाब में काफी हद तक भेजे गए थे। पुलिस की मानें तो पाकिस्तान के तस्कर भारतीय तस्करों के साथ काम करने से पहले उन्हें पाकिस्तानी सिम कार्ड मुहैया करवाते हैं। इसका कारण यह है कि भारतीय सीमा में आने वाले बी.टी.एस. पाकिस्तान में जाने वाली कॉल्स को आसानी से डिटैक्ट कर लेते हैं और इसी से बचने के लिए भारतीय तस्कर पाकिस्तान के सिम कार्ड का इस्तेमाल करते हैं। बॉर्डर एरिया होने के चलते पाकिस्तानी बी.टी.एस. की रेंज आसानी से भारतीय सीमा के अंदर आ जाती है, लेकिन जांच एजेंसियां ऐसी कॉल्स को डिटैक्ट कर पाने में सफल नहीं हो पाती हैं। 

हैरोइन के मामले में पकड़े गए किसानों को दोबारा नहीं मिलती खेती की इजाजत
पाकिस्तान बॉर्डर के साथ सटे खेतों में काम करने वाले किसान अगर पाकिस्तान से आई हैरोइन के साथ पकड़ा जाए तो उस किसान को ही नहीं, बल्कि उसके परिवार के किसी भी सदस्य को वहां खेती नहीं करने दी जाती। उक्त खेत को या तो किसान बेच देता है या फिर किसी को खेतीबाड़ी के लिए ठेके पर दे देता है।

बॉर्डर एरिया में खेत न हों तो बंद हो सकती है तस्करी
पुलिस अधिकारियों की मानें तो अगर बॉर्डर एरिया से सटे खेत न हों तो पाकिस्तान से किसी भी प्रकार की तस्करी नहीं हो सकती। फिलहाल अभी खेती का सीजन होने के कारण आसानी से हैरोइन व हथियारों की तस्करी संभव है, क्योंकि फसल घनी होने के कारण तस्करों के बारे में कुछ पता नहीं चलता। 

Edited By

Sunita sarangal