दूसरे के मकान में लगवाए अपने नाम के बिजली मीटर, आरोपी ननद और भाभी गिरफ्तार

punjabkesari.in Monday, Oct 21, 2019 - 08:40 AM (IST)

जालंधर(शौरी): गांव धन्नोवाली में किराए के मकान में रहने वाले लोगों द्वारा मकान पर कब्जा करने की नीयत से बिजली के मीटर अपने नाम लगवाने के मामले में पुलिस अधिकारियों ने जांच के बाद धोखाधड़ी करने वाली 3 महिलाओं के खिलाफ केस दर्ज किया है। पुलिस चौकी नंगल शामा के इंचार्ज सुरिंद्र सिंह ने बताया कि इस मामले में 2 महिलाओं (ननद और भाभी) को काबू कर लिया गया है, जबकि एक महिला फरार है। इस संबंध में कंवर तेजपाल सिंह पुत्र चन्न सिंह निवासी करोल बाग ने बताया कि गांव धन्नोवाली में बने उनके मकान में 1996 से नेपाली परिवार किराए पर रहता है लेकिन वर्ष 2013 में नेपाली परिवार ने किराया देना बंद दिया और उलटा उनके मकान पर कब्जा करने हेतु उसे धमकाने लगे। इतना ही नहीं उक्त परिवार की महिलाओं ने बिजली विभाग को गलत जानकारी देकर मकान में मीटर अपने नाम पर लगवा लिए। 

इस पर उसने पुलिस अधिकारियों को लिखित शिकायत दी और जांच के बाद पुलिस ने मोती थापा पत्नी उदय बहादुर, पुष्पा रानी पत्नी मोहन प्रसाद जोकि रेलवे विभाग कैंट के पास वर्कशॉप में काम करती है तथा राज पत्नी शिव बहादुर के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज किया। पीड़ित कंवर तेजपाल सिंह ने बताया कि उसे उक्त परिवार के बाकी सदस्यों से धमकियां मिल रही हैं, यदि कल को उसे कुछ होता है तो इसकी सारी जिम्मेदारी इसी परिवार के सदस्यों की होगी। वहीं, जांच अधिकारी ए.एस.आई. सुरिन्द्र सिंह ने बताया कि मोती थापा तथा उसकी ननद को आज ड्यूटी मैजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया जहां से दोनों को 2 नवम्बर तक न्यायिक हिरासत में जेल भेजने के आदेश दिए गए हैं। दोनों का सोमवार को सिविल अस्पताल से मैडीकल करवाने के बाद उनको कपूरथला जेल भेज दिया जाएगा।

बिजली विभाग ने रेवड़ियों की तरह बांटे हैं बिजली कनैक्शन
पूरे मामले को गौर से देखा जाए तो इस मामले में पुलिस ने साजिश की धारा यानी आई.पी.सी. 120बी भी जोड़ी है। पुलिस अब जांच करेगी कि कैसे जाली दस्तावेज के आधार पर महिलाओं ने बिजली का मीटर अपने नाम बिना मकान मालिक की इजाजत के लगवा लिया है। कहीं इस मामले में बिजली विभाग की काली भेड़ें तो शामिल नहीं हैं। चौकी इंचार्ज ने कहा कि जरूरत पड़ने पर बिजली के मीटर लगाने की आज्ञा देने वाले अधिकारियों को भी जांच में तलब किया जा सकता है। यदि इस मामले में सही तरीके से जांच की जाए तो पता चल जाएगा कि विभाग ने किनके कहने पर तथा किस तरह से बिजली कनैक्शन रेवड़ियों की तरह बांटे हैं।

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Sunita sarangal