वृद्धा के दिमाग से ट्यूमर निकाल कर आंखों की रोशनी वापस लौटाई

punjabkesari.in Friday, Dec 13, 2019 - 10:00 AM (IST)

जालंधर(खुराना): आयुष्मान भारत स्कीम के तहत स्थानीय सत्यम अस्पताल में एक बार फिर जटिल आप्रेशन सम्पन्न हुआ जिस दौरान 63 वर्षीय वृद्धा मधु के दिमाग के बीचों-बीच फंसा ट्यूमर निकाल कर न केवल उसकी आंखों की जा चुकी रोशनी वापस दिलाई गई बल्कि परिवार पर भी कोई आॢथक बोझ नहीं पड़ा तथा सर्जरी, आई.सी.यू. व दवाओं पर भी कोई खर्च नहीं हुआ।

अस्पताल मैनेजमैंट ने बताया कि पहले सिविल अस्पताल ने इस आप्रेशन के लिए वृद्धा को पी.जी.आई. रैफर किया था परंतु बाद में परिवार उसे दिखाने हेतु सत्यम अस्पताल लाया। जहां आयुष्मान योजना के तहत उसका उपचार करने का फैसला लिया गया। मैनेजमैंट ने कहा कि वृद्धा का सुपुत्र सुमित हेयर ड्रैसर है और उसकी कमाई पर ही सारा घर चलता है। 

परिवार इस इलाज का आर्थिक बोझ सहने में असमर्थ था और वृद्धा ने भी इलाज पर भारी-भरकम खर्च की बात सुनकर आप्रेशन करवाने से इंकार कर रखा था। आप्रेशन के बाद अब मधु पूरी तरह देख पा रही है और आंख पर आया काला पर्दा हट चुका है।

सर्जरी न होती तो जान भी जा सकती थी: डा. राजेश पसरीचा
इस सफल आप्रेशन को अंजाम देने वाले प्रसिद्ध न्यूरो सर्जन डा. राजेश पसरीचा बताते हैं कि मरीज मधु को पिचुटरी ग्लैंड के पास ट्यूमर था जिसकी सर्जरी नाक में दूरबीन डालकर की जाती है। यह ट्यूमर मरीज की ऑप्टिक नर्व को नीचे से ऊपर धकेल रहा था, जिस कारण वृद्धा को सिर्फ सामने-सामने ही नजर आता था, दाएं-बाएं काले धब्बे दिखते थे। उन्होंने कहा कि अगर ट्यूमर न निकाला जाता तो यह दिमाग में घुसना शुरू कर देता और पानी के रास्तों को रोकने का काम करता, जिससे पानी जमा होने पर ब्रेन पर प्रैशर बढ़ जाता। इससे पिचुटरी ग्लैंड से निकलने वाले हार्मोन बाधित हो जाते जो मरीज के लिए जानलेवा साबित हो सकते थे। डा. पसरीचा ने माना कि आयुष्मान भारत योजना जरूरतमंद वर्ग के लिए लाभप्रद सिद्ध हो रही है। गौरतलब है कि 24 साल पहले उत्तर भारत में इस तकनीक से सर्जरी करने का श्रेय डा. राजेश पसरीचा को जाता है। इससे पहले पंजाब व आसपास के मरीजों को दिल्ली जैसे बड़े शहरों में जाना पड़ता था।

Tamanna Bhardwaj