जालंधर सैंट्रल को-आप्रेटिव बैंक के पूर्व अकाऊंटैंट गुरनेक सिंह पर एफ.आई.आर. दर्ज

punjabkesari.in Sunday, Oct 06, 2019 - 08:36 AM (IST)

जालंधर(खुराना): नोटबंदी के दौरान तथा उससे पहले कई मामलों को लेकर चर्चित रहे जालंधर सैंट्रल को-आप्रेटिव बैंक के पूर्व अकाऊंटैंट गुरनेक सिंह पर कमिश्ररेट पुलिस के निर्देशों पर पुलिस डिवीजन नं. 4 में धारा 409/420 तथा 120बी के तहत एफ.आई.आर. दर्ज हुई है। पता चला है कि मामला दर्ज होने के बाद गुरनेक सिंह ने स्थानीय अदालत से जमानत लेने का प्रयास किया था जो विफल रहा। अब उच्च अदालत में जमानत याचिका दायर करने की तैयारी चल रही है।

गौरतलब है कि गुरनेक सिंह पुत्र स्वर्ण सिंह निवासी गांव दासुपुर (रहीमपुर) विरुद्ध काफी समय पहले को-आप्रेटिव बैंक को शिकायतें प्राप्त हुई थीं, जिसके आधार पर पंजाब सरकार/रजिस्ट्रार को-आप्रेटिव सोसायटीज ने 3 सदस्यों पर आधारित जांच कमेटी का गठन किया था। उस जांच कमेटी में उप-रजिस्ट्रार भूपिन्द्र सिंह, प्रबंध निदेशक दर्शन लाल व जिला मैनेजर राजीव कुमार शर्मा शामिल थे जिन्होंने गुरनेक सिंह के पीछे 10 सालों के कार्यकाल की जांच की और पाया कि इन 10 सालों दौरान बैंक के बोर्ड ऑफ डायरैक्टर्स की ओर से बैंक के नियमों की उल्लंघना करके कर्मचारियों की पदोन्नतियां, ट्रांसफरों इत्यादि संबंधी कई गलत फैसले लिए गए। 9.11.2012 को एग्जीक्यूटिव कमेटी का गठन करके बैंक बाइलाज का उल्लंघन किया गया और एक ही परिवार से संबंधित मैम्बरों को कमेटी में शामिल करके बैंक के फैसलों को प्रभावित किया गया। कमेटी में बैंक कर्मचारी गुरनेक सिंह के पिता स्वर्ण सिंह, उनकी पत्नी गुरप्रीत कौर व नजदीकी रिश्तेदार बचित्तर सिंह शामिल थे।

यह भी आरोप है कि नवम्बर, 2016 में भारत सरकार ने जो नोटबंदी की उस दौरान 10.11.16 से 13.11.16 के समय दौरान बैंक के कुछ कर्मचारियों की ओर से अवैध तरीके से करोड़ों रुपए की करंसी की अदला-बदली की गई। एक ही व्यक्ति को कई-कई ऋण देकर भी बैंक को नुक्सान पहुंचाया गया। गलत डिग्री के आधार पर बहादुर सिंह व मनजिन्द्र सिंह को पदोन्नति दी गई। गौरतलब है कि जब-जब ये सब कार्य हुए तब पंजाब केसरी ने विस्तार से इन बाबत समाचार छापे थे।

Edited By

Sunita sarangal