सतलुज की गोद में गांव: आसमान तले छतों पर थम सी गई हैं ग्रामीणों की जिंदगी

punjabkesari.in Thursday, Aug 22, 2019 - 09:33 AM (IST)

जालंधर(अरुण): शाहकोट सब-डिवीजन के अधीन आते लोहियां के गांव जानियां चाहल, गट्ट मुंडी कासु, जलालपुर खुर्द व मंडियाला में धुस्सी बांध टूटने व अन्य 6 गांवों के नजदीक सतलुज दरिया में बने 6 एडवांस बांध टूटने के कारण इलाके के 20 गांवों में पानी भर चुका है। बाढ़ प्रभावित इन गांवों के लोग अपने घरों की छतों पर रह रहे हैं। ऐसे ज्यादातर लोगों को प्रशासन अभी तक न तो तिरपालें और न ही खाद्य सामग्री पहुंचा पाया है। ऐसे में लोग खुले आसमान तले रहने को मजबूर हैं। 

तकरीबन 60 घंटों से छतों पर बैठे कई लोगों के पास तो पीने के लिए साफ पानी तक नहीं है। चारों ओर पानी ही पानी और ऊपर से सूरज की तेज तपिश इन गांवों में गर्मी और बढ़ा रही है जिससे लोग बेहाल हैं। वहीं, आज सुबह प्रशासन ने हैलीकाप्टर के माध्यम से फूड पैकेट फैंके। डी.सी. ने दावा किया कि जिले के 21 बाढ़ प्रभावित गांवों में 11 टन भोजन पहुंचाया जा रहा है। प्रशासन की इस कोशिश के बावजूद भी कई परिवार ऐसे हैं जो अभी तक राहत सामग्री से वंचित हैं। लोगों का कहना है कि हैलीकाप्टर द्वारा फैंके जा रहे ज्यादातर फूड पैकेट तो पानी में गिर जाते हैं। इसके अलावा इलाके की कुछ समाजसेवी संस्थाएं भी अपने तौर पर ऐसे लोगों को मदद पहुंचाने की कोशिश में हैं।

बाढ़ प्रभावित लोगों के पास किसी भी एमरजैंसी स्थिति हेतु दवाइयों का कोई खास प्रबंध नहीं है। इसी कारण बीते दिन लोहियां के गांव मुंडी शहरियां के निवासी बलबीर सिंह की दिल का दौरा पडऩे से मौत हो गई। वहीं, कुछ लोग अपना घर-बार छोडऩे को तैयार नहीं हैं। प्रशासन द्वारा बांध टूटने से एक दिन पहले ही पूरी सब-डिवीजन के अंदर 8 रिलीफ केन्द्र स्थापित किए गए थे। इन केन्द्रों में शरण लेने वालों की गिनती नाममात्र है। 

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