नई बनी कंक्रीट की सड़क में से निकल रही है फ्लाई-एश, दमा होने का खतरा बढ़ा

punjabkesari.in Wednesday, Oct 23, 2019 - 09:26 AM (IST)

जालंधर(खुराना): आज से कुछ साल पहले शहर की 90 प्रतिशत सड़कें लुक-बजरी से बना करती थी और मात्र 10 प्रतिशत विशेष सड़कों को ही कंक्रीट मैटीरियल से बनाया जाता था। अब शहरों के हालात बिल्कुल उलट हो चुके हैं। अब 90 प्रतिशत सड़कों-गलियों को कंक्रीट से बनाने हेतु प्राथमिकता दी जाती है और 10 प्रतिशत सड़कें ही लुक-बजरी से बनती हैं। इसके पीछे एक कारण यह भी बताया जाता है कि लुक-बजरी का काम करने वाले चंद ठेकेदारों ने इस काम में मोनोपली बना रखी है, जिस कारण वे मनमर्जी से काम लेते और करते हैं। निगम ने हाल ही में नई सड़कें बनाने के जो टैंडर लगाए हैं, उनमें ज्यादातर सड़कें कंक्रीट से बननी हैं परंतु अब निगम के समक्ष एक नई समस्या आन खड़ी हुई है।

हाल ही में विधायक राजिन्द्र बेरी के सैंट्रल हलका में पड़ते चहार बाग में करीब 27 लाख रुपए के काम के तहत एक गली बनाई गई है। करीब एक महीना पहले बनाई गई इस नई कंक्रीट की सड़क से क्षेत्र के दुकानदार इतने परेशान हो चुके हैं कि उन्होंने सड़क को तोड़ कर नए सिरे से बनाने की मांग कर डाली है। क्षेत्र की पार्षद राधिका पाठक के पति अनूप पाठक ने दुकानदारों की समस्या सुनने के बाद बताया कि जब से यह सड़क बनी है तभी से इसमें से लगातार डस्ट निकल रही है, जिसे फ्लाई-एश बताया जा रहा है। यह इतनी बारीक है कि पूरे क्षेत्र में धूल के गुबार जैसा दृश्य देखने को मिलता है। 

इस सड़क के दोनों ओर जितनी भी दुकानें हैं वहां पड़ा माल धूल-मिट्टी से भर चुका है। खुद दुकानदारों का बुरा हाल है और उन्हें दमा होने का डर सताता रहता है। ज्यादातर दुकानदारों ने तो डस्ट के इलाज के तौर पर गुड़ का सेवन शुरू कर रखा है। ज्यादातर दुकानदार अपनी-अपनी दुकानों के आगे पानी ही लगाते रहते हैं ताकि डस्ट न उड़े परंतु ये सभी उपाय फेल साबित हो रहे हैं। डस्ट उड़ने का दूसरा कारण रैडीमिक्स कंक्रीट मैटीरियल में एक्सपायरी डेट के सीमैंट का प्रयोग होना भी बताया जा रहा है। विशेषज्ञ मानते हैं कि कंक्रीट के रैडीमिक्स मैटीरियल में फ्लाई-एश की कुछ मात्रा डाली जाती है परंतु यदि मात्रा में गड़बड़ी हो जाए तो यह नौबत आ सकती है। इसके अलावा अगर सीमैंट की क्वालिटी में गड़बड़ी हो या सीमैंट पुराना हो तो वह भी डस्ट के रूप में परिवर्तित हो सकता है। फिलहाल डस्ट का असल कारण मैटीरियल की जांच के बाद ही पता चल पाएगा।

गौरतलब है कि पार्षद पति तथा क्षेत्र निवासियों ने नई सड़क से आ रही इस समस्या बाबत विधायक राजिन्द्र बेरी को भी सूचित किया था जिन्होंने दो बार दौरा करके अधिकारियों को फाल्ट ठीक करने के निर्देश दे रखे हैं। विधायक के कहने पर निगम के एस.ई. रजनीश डोगरा, एक्सियन धवन तथा अन्य अधिकारियों ने इस सड़क का दौरा भी किया था और दुकानदारों को आश्वत किया है कि जल्द ही समस्या को दूर कर दिया जाएगा।

फाल्ट दूर करने हेतु ठेकेदार ने नेरू भी डाला
नई बनी कंक्रीट की सड़क से उड़ रही डस्ट की समस्या बाबत निगम ठेकेदार श्री पोपली को भी पूरी जानकारी है और उन्होंने फाल्ट दूर करने के मकसद से एक बार पूरी सड़क पर सीमैंट का नेरू भी डाला परंतु अभी भी समस्या जस की तस है। क्षेत्र निवासियों तथा निगमाधिकारियों के कहने पर ठेकेदार द्वारा टैंकर मंगवाकर कई बार सड़क को धोया जा चुका है परंतु सूखने पर फिर डस्ट निकलने लगती है।

ठेकेदार का कहना है कि सड़क बनाने में रैडीमिक्स कंक्रीट मैटीरियल का इस्तेमाल किया गया था जो सीधा प्लांट से मंगवाया गया। प्लांट के प्रतिनिधियों ने भी सड़क का मौका देख कर उड़ रही डस्ट का निरीक्षण किया। प्लांट के प्रतिनिधि, निगमाधिकारी इत्यादि यही कह रहे हैं कि कुछ समय बाद डस्ट उड़नी बंद हो जाएगी परंतु दुकानदारों का कहना है कि एक महीने से उड़ रही डस्ट ने उन्हें परेशान कर रखा है इसलिए वह ज्यादा इंतजार नहीं कर सकते। पार्षद पति अनूप पाठक ने इस समस्या बारे निगमाधिकारियों के साथ-साथ डिप्टी मेयर हरसिमरनजीत सिंह बंटी को भी जानकारी दी। अब देखना है कि नई बनी सड़क का फाल्ट दूर करने के लिए क्या उपाय किया जाता है।

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Sunita sarangal