विदेश जाने की ललक : न फंसें एजैंटों के चक्कर में, तबाह हो रही हैं पंजाबियों की जिंदगियां

punjabkesari.in Thursday, Apr 25, 2019 - 01:24 PM (IST)

भोगपुर (सूरी): विदेश जाने के लिए पंजाबियों में इतनी ’यादा ललक है कि कई नौजवान ठग किस्म के एजैंटों के झांसे में आकर अपनी जान से हाथ धो बैठते हैं और कई अपना सब कुछ लुटा कर अपने घर वापस पहुंचते हैं। ऐसा ही एक मामला जिला कपूरथला के थाना भुलत्थ में पड़ते गांव टांडी औलख में सामने आया है जहां एक नौजवान रशपाल सिंह पुत्र अमरजीत सिंह सोने के गहने गिरवी रखकर फ्रांस में कमाई करने के लिए गया परन्तु एजैंटों के धोखे के कारण अपना सब कुछ लुटा और कर्जाई होकर वापस घर लौटा है। 

पीड़ित रशपाल सिंह ने अपनी दुखभरी दस्तान सुनाते हुए बताया कि अप्रैल-2016 में थाना भोगपुर के गांव अखाड़ा के एजैंट सुभाष चंद पुत्र दर्शन लाल ने उससे फ्रांस भेजने के लिए 8.50 लाख रुपए लिए थे। मई माह में एजैंट ने उसको बेलारूस का वीजा लगवा कर भेज दिया और उससे 4 लाख रुपए वसूल कर लिए। बेलारूस पहुंचने पर वहां की इमीग्रेशन ने उसको एंट्री देने से मना करके वापस दिल्ली भेज दिया। उसने एजैंट के कहने पर कई चक्कर दिल्ली के लगाए और जर्मन व स्पेन के वीजा अप्लाई किए परंतु वे रिफ्यूज हो गए। लंबे समय परेशानी बर्दाश्त करने के बाद एजैंट ने उसका वीजा लगवाकर अरमानिया भेज दिया जहां वह 45 दिन होस्टल में रहा।

उसने घर से रकम मंगवा कर 1 लाख रुपए खर्च किया। डेढ़ महीने बाद एजैंट ने उसको रशिया भेजा और 5 दिन बाद रशिया से रात समय बार्डर क्रास करवाकर यूक्रेन भेज दिया।यूक्रेन में एजैंट के लोगों ने उसको बंदी बना लिया और छोडऩे बदले 3 हजार डॉलर की मांग की। उसको छुड़वाने के लिए उसकी पत्नी व बहन ने और कर्जे लेकर 3 हजार डॉलर भेजे। वहीं एजैंट के लोग उसे तथा 2 और नौजवानों को पोलैंड में ले जाने के लिए जंगल के रास्ते पैदल चल पड़े और बाद में जंगल में एक इमारत की बेसमैंट में कैद कर लिया जहां पहले से ही 9 नौजवान कैद थे। इस दौरान किडनैपर हर रोज मारपीट करते थे। उसने मोबाइल ट्रांसलेटर की मदद से किडनैपरों से बातचीत की तो उन्होंने कहा कि वे एजैंट सुभाष के कहने पर ही मारपीट करते हैं और उनको कैद किया गया है जिससे उसके घरवाले एजैंट को और पैसे देने को मजबूर हो सकें। पीड़ित युवक ने पंजाब के युवाओं से अपील की कि वे फर्जी एजैंटों के चक्कर में न फंसें क्योंकि यही एजैंट विदेश में पंजाबियों की जिंदगी को बर्बाद कर रहे हैं। 


ऋणी होकर भूखे मरने के लिए मजबूर हुआ रशपाल का परिवार
कारपेंटर रशपाल ने बताया कि वह विदेश में कमाने के लिए गया पर एजैंटों के चक्कर में कर्जाई हो गया है। एजैंटों और किडनैपरों की मांगों पूरी करते करते यह कर्ज 18 लाख रुपए के करीब पहुंच गया है। उसके माता-पिता की मौत हो चुकी है। उसका परिवार जिसमें उसकी पत्नी और 2 बेटियां हैं, आज भूखे मरने के लिए मजबूर हो चुके हैं। 

पीड़ितों की भारतीय दूतावास ने करवाई रिहाई 
जेल में बंद के दौरान रशपाल सहित अन्य पीड़ितों ने भारतीय दूतावास में रिहाई के लिए अपील की। इसके बाद भारतीय दूतावास हरकत में आया और वकील के माध्यम से सभी नौजवानों को रिहा करवाया। इसके बाद वे भारत लौट आए।  

पंजाबी लड़कियां भी एजैंटों के चक्करों में यूक्रेन में फंसीं
रशपाल ने कहा कि यूक्रेन जैसे देशों में एजैंटों का शिकार होकर युवा लड़के-लड़कियां भूखे मर रहे हैं। एजैंट पहले बात कुछ करते हैं और बाद में आगे उनको बेच देते हैं। इसके बाद परिवारों से छुड़वाने के लिए मोटे पैसे ऐंठते हैं। 

कपूरथला का एजैंट भी परिवार से ऐंठ ले गया था अढ़ाई लाख 
इसी दौरान कपूरथला का एक एजैंट गुरजपाल सिंह उर्फ गगन रशपाल के घर पहुंचा और रशपाल को यूक्रेन से स्लोवाकिया भेजने के लिए अढ़ाई लाख रुपए उसके परिवार से ले गया परन्तु उसकी कोई मदद नहीं की। 10 दिन इस कैद में बताने के बाद रशपाल ने किसी दोस्त द्वारा किडनैपरें को 1200 डॉलर दे दिए और उन्होंने रशपाल और अन्य नौजवानों को वापस यूक्रेन के लवीव शहर वापस छोड़ दिया। एजैंट की तरफ से भेजे गए लोगों ने रशपाल से &00 यूरो, मोबाइल फोन और पासपोर्ट ले लिया। रशपाल और अन्य नौजवान यूक्रेन में ही बर्फबारी में घूमते रहे और किसी मुखबिर ने ईनाम के लालच में पुलिस को सूचना दे दी और पुलिस ने सभी नौजवान को हिरासत में ले लिया और बाद में अदालत ने सभी नौजवानों को डेढ़ साल की कैद की सजा दी। 

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