सस्ती गेहूं स्कीम में गोलमाल से जरूरतमंद परिवारों को लगाया जा रहा चूना

punjabkesari.in Monday, Jul 22, 2019 - 09:09 AM (IST)

जालंधर(पुनीत): सरकार द्वारा जरूरतमंद परिवारों को दी जा रही सस्ती गेहूं स्कीम का मिलीभगत के साथ गलत लाभ उठाकर उपभोक्ताओं को चूना लगाया जा रहा है। सरकार द्वारा 2 रुपए किलो गेहूं जरूरतमंद परिवारों में बांटी जाती है, इसके लिए प्रत्येक परिवार को उनके सदस्यों के हिसाब से एक पर्ची मुहैया करवाई जाती है लेकिन पिछले समय के दौरान ऐसी बात सामने आई है कि परिवार के जितने सदस्य हैं उतने सदस्यों की पर्ची नहीं दी जा रही। 

इस स्कीम के तहत प्रत्येक परिवार को प्रति व्यक्ति के हिसाब से 5 किलो गेहूं प्रति माह दी जाती है। सरकार द्वारा 6 महीने का इक_ा अलॉट भेजा जाता है। इस अलॉट के मुताबिक एक व्यक्ति की 25 किलो गेहूं साल में 2 बार दी जाती है, लेकिन पिछले समय के दौरान कुछ परिवारों को कम सदस्यों की पर्ची दी गई जिसकी शिकायत कई विधायकों तक भी पहुंची है। तथाकथित डिपो होल्डर पर्ची कम काट कर गोलमाल कर रहे हैं जिससे जरूरतमंद परिवारों को बनती सुविधा उपलब्ध नहीं हो पा रही। गेहूं लेते वक्त उपभोक्ता से उसका अंगूठा (बायोमैट्रिक) लगवाया जाता है जबकि इस गोलमाल में एक उपभोक्ता का 2 बार अंगूठा लगवाकर गोलमाल हो रहा है।

पर्दाफाश करने वाले विभागीय अधिकारी होंगे सम्मानित
वहीं विधायक रिंकू ने कहा कि बस्तियात इलाके में फूड सप्लाई विभाग के 2 ऐसे इंस्पैक्टर कार्य कर रहे हैं जोकि जनता की जरूरतों को मुख्य रखते हैं। जनता का साथ देने वाले ऐसे अधिकारियों को सम्मानित किया जाएगा। उन्होंने जनता से अपील करते हुए कहा कि यदि उनके परिजनों के हिसाब से कम व्यक्ति की पर्ची मिलती है तो वे उनसे सम्पर्क करें। दोषी के खिलाफ बनती कार्रवाई की जाएगी।

5 केस सामने आए, वार्निंग देकर छोड़ा : रिंकू

विधायक सुशील रिंकू का कहना है कि पिछले समय के दौरान बस्तियात इलाके के 5 केस सामने आए हैं जिसमें उपभोक्ता को कम सदस्यों की पर्ची दी गई व मिलीभगत से गोलमाल किया गया। उन्होंने कहा कि इस बार उक्त डिपो होल्डरों को वाॄनग देकर छोड़ा गया है। डिपो होल्डरों के खिलाफ पर्चा दर्ज करवाने का भी प्रावधान है, भविष्य में यदि वह ऐसी गलती दोबारा करेंगे तो उन्हें बख्शा नहीं जाएगा।

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