अब गोबर से बनेंगे गमले और हवन में काम आने वाली लकड़ी

punjabkesari.in Wednesday, Dec 05, 2018 - 11:57 AM (IST)

जालंधर(खुराना): अक्सर गौशालाओं द्वारा अपने यहां एकत्र पशुओं के मल-मूत्र को सीवरेज में बहा दिया जाता है, जिसके कारण अक्सर सीवर जाम होते हैं, परन्तु शहर की प्रमुख बुलंदपुर गौशाला ने गोबर को उपयोग में लाने हेतु नया प्रयोग किया है जिससे अब गोबर से गमले व हवन में काम आने वाली लकडिय़ां बनानी शुरू कर दी गई हैं।

नगर निगम कमिश्रर दीपर्व लाकड़ा तथा ’वाइंट कमिश्रर आशिका जैन ने आज ए.एच.ओ. डा. राजकमल तथा हॉर्टीकल्चर विभाग के एक्सियन दलजीत सिंह इत्यादि को साथ लेकर बुलंदपुर गौशाला का दौरा किया, जहां निगम के सहयोग से गौशाला प्रबंधन ने दोनों मशीनें हाल ही में स्थापित की हैं। कमिश्रर व ’वाइंट कमिश्रर ने दोनों मशीनों की कार्यप्रणाली देखी व उसे सराहा। इस अवसर पर गौशाला मैनेजमैंट के प्रधान रवि कक्कड़, चौधरी राम कुमार, गौ भक्त दीपक ज्योति व अंतिम स्थान स्वर्गाश्रम किशनपुरा के चेयरमैन तरसेम कपूर भी उपस्थित थे। डा. राज कमल ने बताया कि दोनों मशीनों पर करीब 85,000 रुपए की लागत आई है।

एक मशीन से गोबर से गमले बनाए जाएंगे, जिन्हें नर्सरियों को सप्लाई किया जाएगा, ताकि जहां वे प्लास्टिक के लिफाफों का इस्तेमाल करती हैं वहां इन गमलों का प्रयोग किया जाए। इन गमलों को सीधे ही दूसरे गमलों या जमीन पर स्थापित किया जा सकता है। दूसरी मशीन से गोबर से लकडिय़ां बनाई जाएंगी, जिन्हें जलाने के काम के अतिरिक्त हवन-यज्ञ में भी प्रयोग में लाया जा सकेगा। जरूरत के हिसाब से उनमें चंदन की लकड़ी, गौमूत्र व अन्य चीजों को भी मिक्स किया जा सकेगा।

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