कोल्ड ड्रिंक के ढक्कन में पैक की जाती है 30 हजार की हैरोइन, जेलों में की जाती है सप्लाई

punjabkesari.in Monday, Sep 02, 2019 - 12:19 PM (IST)

जालंधर(वरुण): लाख कोशिशों के बावजूद पंजाब की जेलों में हैरोइन की सप्लाई बंद नहीं हो पा रही है। जेल के अंदर मिलीभगत से हैरोइन बेचने वाले तथाकथित कर्मचारियों ने सप्लाई करने का नया तरीका ढूंढ निकाला है। इस समय जेलों के अंदर टूथपेस्ट व कोल्ड ड्रिंक  के ढक्कनों में हैरोइन सप्लाई की जा रही है। हालांकि जेल के उच्चाधिकारियों को इस बात की भनक नहीं है लेकिन नीचे लैवल के कर्मचारी जेलों में हैरोइन सप्लाई करके हर रोज हजारों रुपए कमा रहे हैं। हाल ही में जेल के अंदर से खींची गई एक फोटो वायरल हुई। यह फोटो टूथपेस्ट के ढक्कन की है जिसमें हैरोइन भरी हुई थी। पंजाब केसरी टीम ने इस फोटो को लेकर जांच शुरू की तो वायरल हुई बात सच साबित हुई। 

जांच करने पर पता लगा कि जेलों के अंदर टूथपेस्ट ही नहीं बल्कि कोल्ड ड्रिंक के ढक्कनों में भी हैरोइन बेची जा रही है। टूथपेस्ट के ढक्कन में 1 ग्राम के करीब हैरोइन पैक होती है जिसकी कीमत 3 हजार रुपए है जबकि कोल्ड ड्रिंक  के ढक्कन में बिक रही हैरोइन की कीमत 30 हजार रुपए है। इसमें 4 से 5 ग्राम तक हैरोइन पैक होती है।जांच में यह बात भी सामने आई कि कुछ जेलों के उच्चाधिकारी काफी सख्ती से चिट्टे के कारोबार को जेल से उखाडऩे के लिए नए-नए प्रबंध कर रहे हैं लेकिन नीचे लैवल के कर्मचारी अपने अधिकारियों की आंखों में धूल झोंक कर नशा सप्लाई कर रहे हैं। यही तथाकथित कर्मचारी हैरोइन पीने के लिए इंजैक्शन व पेपर और माचिस कैदियों को मुहैया करवा देते हैं।

5 हजार रुपए में मिलता बीड़ी का बंडल
कैदी चाहें तो पैसों का लालच देकर जेल के अंदर कुछ भी मंगवा सकते हैं। अलग-अलग समय में जेल के अंदर केक काटने की तस्वीरें तक वायरल हो चुकी हैं। जेल के अंदर बर्थ-डे पार्टियों की तस्वीरें हों या फिर मोबाइल इस्तेमाल करने की, किसी पर भी प्रशासन लगाम नहीं कस सका है। जेल के अंदर सिंगल बीड़ी की कीमत 300 रुपए और बंडल खरीदना हो तो उसके लिए 5 हजार रुपए कर्मचारी की जेब में डालने पड़ते हैं। वहीं तम्बाकू का पैकेट एक हजार रुपए से 1500 रुपए में बिक रहा है।

एक इंजैक्शन का 40 युवक करते हैं इस्तेमाल, एड्स का खतरा बढ़ा
जेल में ज्यादातर युुवक हैरोइन के धुएं को बर्बाद न करने के लिए इंजैक्शन का इस्तेमाल करते हैं। वही पेपर के इस्तेमाल से ज्यादा धुआं निकलता है, जिसके कारण इंजैक्शनों की डिमांड बढ़ रही है। जेल के सूत्रों की मानें तो एक इंजैक्शन को 40 युवक इस्तेमाल करते हैं और इस तरह जेल में एड्स का खतरा भी बढ़ रहा है। बताया जाता है कि जब भी उच्चाधिकारी बैरकों की तलाशी के लिए निकलते हैं तो नशा बेचने वाले कर्मचारी पहले आकर ही सारा सामान इधर-उधर कर देते हैं। वे नशा व अन्य सामान अपनी बॉडी से बांध कर सप्लाई करते हैं।

जिम का सामान मौजूद नहीं, नशे की ओर बढ़ रहे कैदी-हवालाती
पंजाब की जेलों में कसरत करने का कोई भी सामान नहीं है। खेलों के लिए भी कोई इंतजाम नहीं है, जिसके चलते कैदी व हवालाती नशे की ओर बढ़ रहे हैं। हालांकि कुछ कैदी-हवालाती ऐसे भी हैं जो डंडे की दोनों तरफ प्लास्टिक की बाल्टियों में मिट्टी डाल कर कसरत करते हैं लेकिन जेलों के प्रबंधकों का इस ओर जरा-सा भी ध्यान नहीं है।

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