होशियारपुर के ठेकेदार ने जालंधर निगम से किया फ्रॉड

punjabkesari.in Tuesday, Sep 24, 2019 - 08:53 AM (IST)

जालंधर(खुराना): नगर निगम में वैसे तो दर्जनों ठेकेदार विकास कार्य करते हैं और ज्यादातर ठेकेदारों के निगमाधिकारियों तथा राजनेताओं से घनिष्ठ संबंध भी होते हैं जिनका फायदा उठा कर कई बार ठेकेदार गलत काम भी कर जाते हैं। ऐसा ही एक मामला इन दिनों सामने आया है जिसमें होशियारपुर के एक ठेकेदार ने बजवाड़ा को-आप्रेटिव लेबर एंड कंस्ट्रक्शन सोसायटी बनाकर उसकी नकली एनलिस्टमैंट निगम के दस्तावेजों में लगा दी ताकि लाखों रुपए के टैंडर हथियाए जा सकें।

निगमाधिकारियों ने होशियारपुर की फर्म देखकर मई महीने में होशियारपुर के पी.डब्ल्यू.डी. विभाग को उक्त बजवाड़ा सोसायटी की एनलिस्टमैंट बारे जानकारी मांगी। वहीं जवाब आया कि बजवाड़ा सोसायटी की एनलिस्टमैंट नं. 30, दिनांक 7.11.17 फर्जी हैं और इस फर्म के नाम पर नहीं है। दस्तावेजों में फर्जीवाड़ा देखकर निगमाधिकारियों ने 6 करोड़ की लागत वाले टैंडरों में इस फर्म वाला टैंडर रद्द कर दिया और निगम प्रशासन ने जुलाई महीने में इस फर्म को ब्लैकलिस्ट करने के आदेश जारी कर दिए। अब 26 सितम्बर को होने जा रही एफ. एंड सी.सी. बैठक में इस फर्जीवाड़े संबंधी प्रस्ताव आया है जिस दौरान चर्चा होगी कि गलत दस्तावेज लगाने वाली इस फर्म को कब तक ब्लैकलिस्ट किया जाए। 

एफ.आई.आर. दर्ज करवाने की हिम्मत क्यों नहीं दिखा रहा निगम 
अगर कोई ठेकेदार लाखों-करोड़ों के टैंडर लेने के लिए निगम को गलत दस्तावेज सौंपता है तो निगमाधिकारियों का फर्ज बनता है कि उसी समय उक्त ठेकेदार विरुद्ध एफ.आई.आर. दर्ज करने की सिफारिश की जाए ताकि पुलिस जांच के दौरान सामने आए कि आखिर फर्जीवाड़ा किस मकसद से, किन हालातों में तथा क्यों किया गया। इस मामले में भी निगम ने बजवाड़ा को-आप्रेटिव सोसायटी को सिर्फ ब्लैकलिस्ट करने के निर्देश दिए हैं। पुलिस एफ.आई.आर. की कहीं बात नहीं हो रही। जिससे लगता है कि या तो मामला ज्यादा संगीन नहीं है या होशियारपुर के ठेकेदार इतने प्रभावशाली हैं कि उन्होंने निगम प्रशासन को मैनेज कर लिया है। बताया जा रहा है कि होशियारपुर के जिस ठेकेदार ने यह फर्म बनाकर टैंडर भरे थे, उसने पहले भी टाइलों से संबंधित निगम में करोड़ों के काम किए हैं इसलिए मांग उठ रही है कि बजवाड़ा को-आपे्रटिव सोसायटी बनाकर लगाए गए सभी दस्तावेजों की भी निष्पक्ष जांच करवाई जाए और अगर ठेकेदार ने जानबूझ कर नकली दस्तावेज लगाए हैं तो उस पर क्रिमिनल केस दर्ज करवाया जाए। 

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Sunita sarangal