अवैध बिल्डिंगों के नाम पर शुरू हो गई थी ‘ब्लैकमेलिंग’

punjabkesari.in Friday, Jul 13, 2018 - 04:09 PM (IST)

जालंधर (खुराना): पिछले सालों दौरान भ्रष्टाचार के दम पर शहर में धड़ाधड़ बनी अवैध बिल्डिंगों को लेकर पिछले एक महीने से शहर में जो टैरर का माहौल बना हुआ था, वह उस समय कुछ हद तक शांत हो गया जब मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने अवैध बिल्डिंगों को फिलहाल राहत देते हुए तोडफ़ोड़ की कार्रवाई और विजीलैंस जांच रोकने के आदेश दिए और वन टाइम सैटेलमैंट पॉलिसी लाने का आश्वासन दिया।

अवैध बिल्डिंगों की बात करें तो जिस तरह नवजोत सिद्धू ने इन पर सख्ती दिखाई और उसके बाद जिस तरह निगम की डिच मशीनों ने शहर में तोड़-फोड़ की, पापा व्हिस्की, ब्रयू मास्टर जैसे पबों को सील किया उससे शहर में अजीब तरह का माहौल बना जिसका फायदा उठाते हुए कई स्तर पर ब्लैकमेलिंग शुरू हो गई। कई निगमाधिकारी, जो सस्पैंशन से बच गए थे, कई बिल्डिंग मालिकों से सम्पर्क साधते दिखे।और तो और इन अवैध बिल्डिंगों की जांच में लगी विजीलैंस टीम पर भी कई आरोप लगे जिनमें कहा गया कि विजीलैंस टीम के कुछ अधिकारियों ने कई बिल्डिंगों के मालिकों से सैटिंग करने का प्रयास किया, कई बिल्डिंग मालिकों ने भी विजीलैंस अधिकारियों से सम्पर्क करके अपने हिसाब से अपनी बिल्डिंग की रिपोर्ट बनवाने का प्रयास तक किया। विजीलैंस की मनमानियों तथा निगमाधिकारियों की कार्रवाइयों के कारण शहर का राजनीतिक नेतृत्व काफी परेशान दिखा, जिस कारण मुख्यमंत्री के दरबार में मामला उठाया गया।

ज्यादा वायलेशन वाली बिल्डिंगों का गिरना तय
पंजाब सरकार आने वाले दिनों में जो वन टाइम सैटेलमैंट पॉलिसी ला रही है उसमें जो बिल्डिंगें कम्पाऊंड हो जाएंगी वह तो पैसे देकर बच जाएंगी परन्तु जिन बिल्डिंगों में ज्यादा वायलेशन पाई जाएगी उन पर कार्रवाई अवश्य होगी।जालंधर की बात करें तो यहां ज्यादातर शोरूम मालिकों ने पार्किंग वाली जगह पर शोरूम बना रखे हैं जिन्हें अब खाली करवाना नगर निगम की जिम्मेदारी होगी। जिन बिल्डिंग मालिकों ने कई-कई फ्लोर फालतू डाल रखे हैं उन्हें भी कम्पाऊंडिंग के लिए अतिरिक्त एफ.ए.आर. खरीदना होगा और पार्किंग व्यवस्था बनानी होगी वरना वह बिल्डिंगें कम्पाऊंडिंग के दायरे में नहीं आएंगी। पॉलिसी में फ्रंट सैट-बैक कवर करने वाली बिल्डिंगों को भी ज्यादा राहत शायद ही मिल पाए। फिलहाल शहर के कारोबारी आसान वन टाइम सैटेलमैंट स्कीम की राह देख रहे हैं परन्तु सैटेलमैंट के लिए बिल्डिंग मालिकों को कई पापड़ बेलने होंगे और लाखों रुपए भी सरकार को देने होंगे।

नवजोत सिद्धू की प्रतिक्रिया का इंतजार
कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने अपने स्तर पर अवैध बिल्डिंगों की विजीलैंस जांच रोकने के आदेश तो दे दिए परन्तु अब नवजोत सिद्धू की प्रतिक्रिया का सभी को इंतजार है। गौरतलब है कि नवजोत सिद्धू के पास लोकल बॉडीज का सशक्त विजीलैंस विंग मौजूद है और उसके चीफ सुदीप माणक भी निर्विवाद अधिकारी हैं। अगर नवजोत सिद्धू चाहें तो अपने विभाग के चीफ विजीलैंस ऑफिसर के माध्यम से किसी भी निगम कर्मचारी को दोबारा दबोच सकते हैं और अवैध बिल्डिंगों के खेल की विभागीय जांच करवाकर पुलिस तक को सारा मामला रैफर कर सकते हैं। फिलहाल नवजोत सिद्धू के स्टैंड पर अवैध बिल्डिंगों के मालिकों का भविष्य निर्भर करेगा।

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