महानगर की 200 अवैध बिल्डिंगों पर लटकी तलवार

punjabkesari.in Sunday, Nov 17, 2019 - 09:51 AM (IST)

जालंधर(खुराना): पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में जालंधर की अवैध बिल्डिंगों व कालोनियों बारे दायर याचिका पर सुनवाई हुई, इस दौरान सरकार की ओर से एड. जनरल अतुल नंदा के उपस्थित न होने के चलते हाईकोर्ट ने सुनवाई की अगली तिथि 3 दिसंबर निर्धारित कर दी। इससे पहले निगम तथा सरकार के पक्ष में करीब 6 महीने तक सुनवाई टालने का अनुरोध किया परंतु माननीय न्यायाधीश ने केवल 15 दिन का समय देते हुए प्रतिवादी पक्ष को कड़े निर्देश दिए। हाईकोर्ट के इस रवैये से शहर की करीब 200 अवैध बिल्डिंगों पर तलवार लटक गई है जिन पर नगर निगम कभी भी कार्रवाई कर सकता है। गौरतलब है कि इन दिनों नगर निगम ने शहर में सीलिंग अभियान छेड़ा हुआ है और निगम की यह सक्रियता हाईकोर्ट में आर.टी.आई. एक्टिविस्ट सिमरनजीत सिंह द्वारा दायर याचिका के चलते ही सामने आई है। 

शहर में सील हो चुकी हैं 115 बिल्डिंगें
इस समय जबकि पूरा देश आर्थिक व व्यावसायिक मंदी का सामना कर रहा है तथा सभी कारोबार इस मंदी के कारण प्रभावित हुए हैं वहीं जालंधर जैसे छोटे शहर में इस समय 115 अवैध बिल्डिंगें सील हो चुकी हैं और जल्द ही बाकियों की भी बारी आने वाली है। हाईकोर्ट में दायर याचिका में शहर की 448 बिल्डिंगों को अवैध बताया गया था जिनमें से 70 बिल्डिंगों को निगम पहले ही सील कर चुका है। पिछले 3 दिनों दौरान निगम ने 45 और बिल्डिंगों को सील किया है।

स्टाफ की कमी के कारण नहीं हो सकी कार्रवाई 
याचिका के जवाब में निगम ने अदालत को बताया है कि 167 बिल्डिंगों पर इसलिए कार्रवाई नहीं की गई क्योंकि स्टाफ की कमी है। 25 बिल्डिंगें ऐसी हैं जिन्होंने वन टाइम सैटलमैंट स्कीम के तहत अप्लाई कर रखा है और 29 सम्पत्तियां ऐसी हैं जिन्होंने एन.ओ.सी. पॉलिसी के तहत आवेदन दे रखे हैं। इन सभी बिल्डिंगों व कालोनियों को तब तक अवैध माना जाएगा जब तक इन बारे निगम कोई फैसला नहीं ले लेता। इस प्रकार अगर याचिका पर कोई अंतिम फैसला आता है तो उसके घेरे में 200 के करीब और बिल्डिंगें आ जाएंगी। बिल्डिंगों को निगम पहले ही सील कर चुका है। पिछले 3 दिनों दौरान निगम ने 45 और बिल्डिंगों को सील किया है।

कांग्रेसी विधायकों में मची खलबली 
नगर निगम के बिल्डिंग विभाग ने जिस तरह शहर में 115 अवैध बिल्डिंगों को सील कर रखा है और बाकियों पर भी कार्रवाई करने की तैयारी चल रही है उससे शहर के कांग्रेसी विधायकों में खलबली-सी मची हुई है। सम्पर्क किए जाने पर विधायक राजिन्द्र बेरी ने कहा कि एक्ट में सीलिंग का प्रावधान ही नहीं है। एक ओर तो पॉलिसी लाकर अवैध बिल्डिंगों को रैगुलर करने की तैयारी हो रही है वहीं दूसरी ओर निगम धड़ाधड़ कार्रवाई किए जा रहा है। उन्होंने कहा कि अगर अंदरूनी बाजार या किसी मार्कीट में कोई खाली प्लाट या खस्ताहाल बिल्डिंग है तो उसके स्थान पर रिहायश बनने से रही इसलिए निगम से बार-बार कहा जा रहा है कि कोर एरिया व अलग-अलग क्षेत्रों के लिए जोनिंग पॉलिसी लाई जाए। इस ओर अधिकारी बिल्कुल ध्यान नहीं दे रहे।

विधायक बेरी ने कहा कि शहर के सभी विधायक सोमवार या मंगलवार को इस मामले पर चंडीगढ़ जाकर लोकल बाडीज मंत्री ब्रह्म महिन्द्रा से मिलेंगे और उनसे मांग करेंगे कि अवैध निर्माण के लिए केवल बिल्डिंग मालिक पर ही नहीं बल्कि उस ए.टी.पी. व बिल्डिंग इंस्पैक्टर पर भी कार्रवाई की जाए जिनके होते हुए बिल्डिंगें पूरी की पूरी बन गईं। विधायक बेरी ने कहा कि आज निगम बनी बनाई तथा चल रही बिल्डिंगों को सीलें लगा रहा है, यह बिल्डिंग इंस्पैक्टर तब कहां थे जब इन बिल्डिंगों की नींवें खुदीं, दीवारें बनीं व लैंटर डाले गए। जिम्मेदार अधिकारियों पर भी कार्रवाई होनी चाहिए जिन्होंने समय पर अवैध निर्माणों को नहीं रोका।

Edited By

Sunita sarangal