चीन व अमरीका में मंदी का असर भारत पर भी, निर्यात प्रभावित हुआ

punjabkesari.in Saturday, Aug 24, 2019 - 09:25 AM (IST)

जालंधर(धवन): चीन व अमरीका में आई मंदी का असर सीधे तौर पर भारत पर पड़ता हुआ दिखाई दे रहा है जिससे लघु उद्योगों के सामने आर्थिक संकट का दौर और बढ़ता जा रहा है। एच.आर. इंटरनैशनल ग्रुप के डायरैक्टर व प्रमुख निर्यातक सुरेश शर्मा ने कहा कि चीन में मंदी बड़े स्तर पर गहराती जा रही है। अमरीका द्वारा चीन पर लगाए गए प्रतिबंधों का लाभ अभी तक भारत उठा नहीं सका है। उन्होंने कहा कि जिस तरह से पूरे विश्व में कार इंडस्ट्री में धीमापन आया है, वह काफी चिन्ताजनक है। इसका सीधा असर भारतीय कार इंडस्ट्री पर आया है तथा कारों की बिक्री में गिरावट से स्टील इंडस्ट्री सीधे तौर पर प्रभावित हुई है तथा स्टील की घरेलू मांग में कमी दर्ज की जा रही है। उन्होंने कहा कि वैश्विक स्तर पर इलैक्ट्रॉनिक वाहनों की तरफ कदम बढ़ाए जा रहे हैं परंतु इसमें अभी काफी समय लगेगा।

चीन का उन्होंने दौरा किया है तथा पाया है कि चीन के अंदर घरेलू मांग कम हुई है। मंदी से भारत भी अछूता नहीं रहा है। अब त्यौहारी सीजन आ रहा है परन्तु इसमें भी अधिक उत्साह दिखाई नहीं दे रहा है। सुरेश शर्मा ने कहा कि मंदी के दौर को रोकने के लिए केन्द्र सरकार को तुरंत दखल देने की जरूरत है क्योंकि अगर उद्योगों में धीमापन और गहरा गया तो इससे बेरोजगारी बढऩे का खतरा पैदा हो जाएगा। केन्द्र सरकार को लघु उद्योगों को सस्ती ब्याज दरों पर पैसा उपलब्ध करवाना चाहिए तथा साथ ही व्यापारिक समुदाय के पक्ष में नीतियां बनानी चाहिएं। उन्होंने कहा कि अगर हम भारत की अर्थव्यवस्था को 5 ट्रिलियन तक ले जाने की बात करते हैं तो यह तभी संभव हो सकेगा अगर हम घरेलू उद्योगों को प्रोत्साहित करेंगे। 

उन्होंने कहा कि इंडस्ट्री को लाभ देने वाली नीतियां कारगर ढंग से लागू करने की जरूरत है तथा इसके लिए लघु उद्योगों के साथ केन्द्रीय वित्त मंत्री को बैठकें भी करनी होंगी। एक तय योजना के अनुसार अब काम करने की जरूरत है। केन्द्र व राज्य सरकारों को आपस में मिलकर मैन्युफैक्चरिंग सैक्टर को बढ़ावा देना होगा। एक प्रश्र के उत्तर में उन्होंने कहा कि निर्यात में भी गिरावट का रुख देखा गया है क्योंकि अन्य देशों में मंदी के कारण भारतीय उत्पादों की मांग में भी कमी देखी गई है। हैंड टूल्स उद्योग की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि अभी इसको बचाने के लिए कड़ी मेहनत करने की जरूरत है।
 

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