विज्ञापन घोटाला : इम्प्रूवमैंट ट्रस्ट में मिलीभगत से लाखों की साइट पर बैंक का मुफ्त में प्रचार

punjabkesari.in Monday, May 27, 2019 - 11:24 AM (IST)

जालंधर(पुनीत): इम्प्रूवमैंट ट्रस्ट में मिलीभगत के  चलते लाखों रुपए का विज्ञापन घोटाला हो रहा है। सरकारी बैंक का करोड़ों का देनदार इम्प्रूवमैंट ट्रस्ट मिलीभगत से प्राइवेट बैंक का मुफ्त में प्रचार कर रहा है। जिमखाना क्लब के सामने ट्रस्ट का दफ्तर है, जोकि शहर का पॉश इलाका है यहां पर किसी कम्पनी की एडवर्टाइजमैंट करके लाखों रुपए कमाए जा सकते हैं लेकिन मिलीभगत के चलते इम्प्रूवमैंट ट्रस्ट ने मुफ्त में इस साइट को एक प्राइवेट बैंक को दे डाला।

जिमखाना क्लब की बात की जाए तो वहां बोर्ड के जरिए विज्ञापन का ठेका 12 लाख रुपए में दिया गया था, ट्रस्ट अधिकारी चाहते तो इस साइट की नीलामी करवाकर लाखों की राशि कमा सकते थे लेकिन सैटिंग के चलते ऐसा नहीं हो पाया। जानकारों का कहना है कि कर्जदार व्यक्ति द्वारा आय के साधन जुटाए जाते हैं लेकिन ट्रस्ट के भ्रष्ट अधिकारियों ने मिलीभगत के चलते आय के साधन बनने नहीं दिए। सबसे बड़ी बात 
यह है कि ट्रस्ट मुफ्त में प्राइवेट बैंक का विज्ञापन करने के साथ-साथ बिजली पर भी खर्च कर रहा है।

ट्रस्ट दफ्तर में एक एंट्री प्वाइंट  व एक एग्जिट प्वाइंट हैं, यहां पर प्राइवेट बैंक ने लाइटों वाले बड़े-बड़े 2 बोर्ड लगाए हैं, इन बोर्ड पर इम्प्रूवमैंट ट्रस्ट का नाम तो लिखा है लेकिन साथ ही साथ इस पर बैंक का नाम व लोगो भी लगा है। ट्रस्ट अधिकारी तर्क देते हैं कि उनके पास फंड नहीं थे इसलिए बैंक से बोर्ड स्पॉन्सर करवाए गए, अब सोचने वाली बात यह है कि ट्रस्ट अधिकारी सरकार गाडिय़ों पर प्रति वर्ष लाखों रुपए का खर्च करते हैं तो अपने दफ्तर का बोर्ड लगाने के लिए हजारों रुपए खर्च करना भी मुनासिब नहीं समझा।

बोर्ड लगाना गलत, उतारे जाएंगे : डायरैक्टर लोकल बाडी 
इस संबंध में लोकल बाडी के डायरैक्टर करनेश शर्मा का कहना है कि इस तरह बोर्ड लगाना गलत है। जो बोर्ड लगाए गए हैं, वे उतारे जाएंगे। सरकार की पॉलिसी के मुताबिक कार्य होगा। ट्रस्ट की प्रापर्टी पर या उसके बाहर जो भी बोर्ड लगे हैं, उन्हें भी उतारने के आदेश दिए जाएंगे। मिलीभगत से बोर्ड लगाने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि पता किया जाएगा कि मामला क्या है, जिस अधिकारी की मिलीभगत होगी उसे कारण बताओ नोटिस जारी करके बनती कार्रवाई की जाएगी।

आखिर बोर्ड की जरूरत ही क्या है?
इम्प्रूवमैंट ट्रस्ट की कई वर्षों से कोई नई स्कीम नहीं आई है, ट्रस्ट की तथाकथित कार्यप्रणाली के चलते लोगों का ट्रस्ट ऑफिस से मोह भंग हो चुका है। ट्रस्ट की जायदादें खरीदने के प्रति लोगों में कोई रुचि नहीं रही। ऐसे में ट्रस्ट ऑफिस को इतने बड़े बोर्ड लगवाने की क्या आवश्यकता पड़ गई? साफ जाहिर होता है कि मिलीभगत के चलते यह सब खेल खेला गया।

swetha