इन्हांसमैंट कैल्कुलेशन को लेकर ट्रस्ट कर्मचारियों की छुट्टी वाले दिन हुई माथापच्ची

punjabkesari.in Sunday, Feb 24, 2019 - 08:15 AM (IST)

जालंधर(पुनीत): इन्हांसमैंट की कैल्कुलेशन को लेकर ट्रस्ट कर्मचारियों पर दबाव है जिसके चलते छुट्टी वाले दिन काम करते हुए ट्रस्ट कर्मचारियों की खूब माथापच्ची होती रही। ट्रस्ट द्वारा 170 एकड़ सूर्या एन्क्लेव स्कीम के किसानों को 100 करोड़ के करीब इन्हांसमैंट की राशि अदा की जानी है। इसके लिए ट्रस्ट द्वारा कालोनी निवासियों को 31,500 रुपए प्रति मरला के हिसाब से इन्हांसमैंट अदा करने के नोटिस भेजे गए हैं, क्योंकि नियमों के मुताबिक ट्रस्ट यदि इन्हांसमैंट अदा करता है तो वह प्लाट होल्डरों से उक्त राशि लेने का अधिकार रखता है। ट्रस्ट द्वारा इससे पहले भी 2013 में 8655 रुपए की इन्हांसमैंट के नोटिस अदा किए गए थे जिसमें से कइयों ने अभी तक राशि अदा नहीं की है। 

ट्रस्ट द्वारा इस बार नोटिस भेजने के बाद से लोगों द्वारा इसका कड़ा विरोध किया गया। लोगों ने कहा कि ट्रस्ट ने इस स्कीम से करोड़ों रुपए कमाए हैं, इसलिए ट्रस्ट को चाहिए की वह इन्हांसमैंट की राशि अपनी कमाई से अदा करे। इसी सब के चलते ट्रस्ट द्वारा अब इन्हांसमैंट की कैल्कुलेशन करवाई जा रही है। इस क्रम में ट्रस्ट द्वारा अवार्ड करवाने से लेकर आज तक करवाए गए विकास कार्य व अन्य पर खर्च की राशि का विवरण बनाया जा रहा है। इसमें जमीन खरीदने के लिए अदा की गई राशि, सड़कें बनवाने, स्ट्रीट लाइटें, सीवरेज, वाटर सप्लाई के कार्यों पर हुए खर्चे का रिकार्ड शामिल किया जा रहा है। 2003-04 से लेकर अब तक नीलामी करवाने पर कितना खर्चा हुआ, इसका विवरण भी इकट्ठा किया जा रहा है। ट्रस्ट ऑफिस पहुंची ई.ओ. सुरिन्द्र कुमारी ने कर्मचारियों को आवश्यक हिदायतें भी दीं।

सुपरिंटैंडिंग इंजीनियर जनोत्रा ने संभाला चार्ज
ट्रस्ट के सुपरिंटैंडिंग इंजीनियर राज जनोत्रा ने चार्ज संभाल लिया है। पिछले दिनों इंजी. जसवंत के स्थान पर राज जनोत्रा के आदेश हुए थे। अब उन्होंने आधिकारिक तौर पर सेवाएं देनी शुरू कर दी हैं। उनका कहना है कि रेलवे के सैकेंड एंट्री गेट के लिए कार्य जल्द शुरू किया जा रहा है ताकि रेलवे को जमीन देने के घटनाक्रम को पूरा किया जा सके। उन्होंने कहा कि रेलवे को 120 मरले जमीन दी जानी है जिससे एंट्री को सड़क से जोड़ा जाएगा।

पार्क में रात को खड़े होते हैं संदिग्ध वाहन
सूर्या एन्क्लेव की एंट्री में स्थित जमीन जिसे लोगों द्वारा पार्क बताया जा रहा है, में रात को संदिग्ध वाहन खड़े होते हैं जोकि कालोनी की सुरक्षा के लिए कभी भी खतरे की घंटी साबित हो सकते हैं। सूर्या एन्क्लेव रैजीडैंट वैल्फेयर एसोसिएशन के पदाधिकारियों का कहना है कि एंट्री गेट में बने एक कमरे का गेट भी चोरी हो चुका है तथा कई नशेड़ी किस्म के लोग यहां पर देखे गए हैं। ट्रस्ट यहां पर पार्क में एंट्री गेट बंद करे ताकि केवल सैर करने व खेलने के लिए जाने वाले लोग ही अन्दर जा सकें।

लोगों से वसूली राशि व नीलामी का होगा हिसाब
ट्रस्ट द्वारा 2003-04 में इस स्कीम का धूमधाम से ड्रा निकाला गया। इसके लिए गुरु गोबिंद सिंह स्टेडियम में बड़े स्तर पर आयोजन हुआ। लोगों को नो-प्रॉफिट, नो-लॉस पर प्लाट दिए गए। इनमें 4 से 8 मरले के प्लाट ट्रस्ट ने 50 हजार रुपए मरला, जबकि 14 मरले तक 75 हजार रुपए मरला, 20 मरले के प्लाट 1 लाख के हिसाब से ड्रॉ के रूप में निकाले गए। ट्रस्ट द्वारा जब ड्रा निकाला जाता है तो प्लाट होल्डर से एक एफिडेविट लिया जाता है। इसमें लिखा होता है कि ट्रिब्यूनल व कोर्ट केस को लेकर यदि कोई राशि ट्रस्ट को अदा करनी पड़ेगी तो वह प्लाट होल्डर देने के लिए बाध्य होगा। जानकारों का कहना है कि ट्रस्ट ने प्लाट 3 कैटागरी में सेल किए थे, इसलिए ट्रस्ट को चाहिए कि वह इन्हांसमैंट की राशि भी इसी तरह से तय करे। ट्रस्ट द्वारा बेचे गए प्लाटों की राशि व नीलामी में हुई कमाई का भी जोड़ किया जाएगा। खर्च की गई राशि व ट्रस्ट को हुई कमाई के जोड़ से पता लगाया जाएगा कि ट्रस्ट को कितनी कमाई इस स्कीम से हुई।

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