PICS: बच्चों से कूड़ा व कीचड़ उठवाना निगम को पड़ सकता है महंगा

punjabkesari.in Wednesday, Jan 22, 2020 - 10:23 AM (IST)

जालंधर(खुराना): इन दिनों देश के सैंकड़ों शहरों में स्वच्छता सर्वेक्षण-2020 का चौथा तथा आखिरी राऊंड चल रहा है। इस दौरान सर्वे करने वाली टीमों के प्रतिनिधि संबंधित शहरों में जाकर वहां की सफाई व्यवस्था को अपनी आंखों से देख कर नम्बर देंगे, जिसके आधार पर शहर की रैंकिंग बनाई जाएगी। जालंधर में भी इस सर्वेक्षण के चौथे राऊंड की शुरूआत 4 जनवरी को हो चुकी है और संबंधित टीमों ने अपने स्तर पर गुपचुप तरीके से सर्वे शुरू कर रखा है। खास बात यह है कि सर्वे करने वाली टीम के प्रतिनिधि निगम या शहर के किसी अधिकारी को बताए बिना अपने स्तर पर सफाई व्यवस्था इत्यादि का निरीक्षण करेंगे।
PunjabKesari, It may be costly for corporation to pick up waste and mud from children
इस सर्वेक्षण में अच्छी रैंकिंग प्राप्त करने के लिए नगर निगम ने चौथे राऊंड की इंस्पैक्शन हेतु कोई खास तैयारियां तो नहीं की हैं, परंतु अचानक निगम ने 16 जनवरी से एक अभियान शुरू कर दिया है जिसके तहत शहर के 6 कालेजों से सम्पर्क कर उनके बच्चों पर आधारित टीमों को तत्काल फील्ड में भेजा गया। इन दिनों पड़ रही भारी सर्दी के बावजूद इन कालेजों के बच्चों ने सुबह-सवेरे सड़कों पर निकल कर न केवल झाड़ू फेरा और कूड़ा उठाया, बल्कि फुटपाथों के ऊपर तथा सड़कों के किनारे वर्षों से जमा गंदगी को साफ किया। कई जगह तो इन बच्चों ने सड़कों के किनारे जमा कीचड़ तक को साफ किया। बच्चों में शहर प्रति काम करने की भावना देख निगम कमिश्नर दीपर्व लाकड़ा ने खुद उनका उत्साहवर्धन किया और शहरियों ने भी इन बच्चों के परिश्रम को काफी सराहा, परंतु अब सूचनाएं मिल रही हैं कि केन्द्र सरकार के संबंधित मंत्रालय ने निगम द्वारा बच्चों से करवाई गई ऐसी सफाई संबंधी अभियान का नोटिस ले लिया है और निगम को एक पत्र भी भेजा है। 
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पता चला है कि मंत्रालय के पास इस अभियान बाबत छपे समाचार और चित्र पहुंचे थे, जिससे निगम की पोल खुली कि निगम स्वच्छता सर्वेक्षण के दृष्टिगत ही यह अभियान ऐन मौके पर चला रहा है। वैसे निगम के अधिकारी केन्द्र सरकार के मंत्रालय से आए पत्र को नकार रहे हैं, परंतु माना जा रहा है कि निगम को बच्चों से करवाई गई ऐसी सफाई आने वाले दिनों में महंगी पड़ सकती है। विडम्बना यह है कि नगर निगम के अधिकारी और कर्मचारी हर माह सरकार से मोटा वेतन ले रहे हैं और दफ्तरों में आराम से बैठे हैं, जबकि शहर की सफाई खुद करने की बजाय विद्यार्थियों से करवाई जा रही है। इस अभियान के दौरान जिन लोगों ने बच्चों को सड़कों पर सफाई करते देखा उन्होंने जहां बच्चों के जज्बे को सराहा, वहीं नगर निगम के उन अधिकारियों और कर्मचारियों को खूब कोसा जो भारी-भरकम वेतन लेकर भी ऐसी सफाई नहीं कर पा रहे थे।

अटवाल व चौ. संतोख के पोस्टर अभी तक शहर में लगे
देश में लोकसभा चुनाव अप्रैल-मई 2019 में हुए थे, जिन्हें सम्पन्न हुए साल होने को आया है, परंतु अभी तक शहर की दीवारों पर उस समय के उम्मीदवार चरणजीत सिंह अटवाल तथा चौ. संतोख सिंह के पोस्टर लगे हुए हैं, जिससे स्पष्ट है कि निगम ने कभी इन्हें हटाने का काम नहीं किया। हाल ही में कालेजों के बच्चों ने सड़कों व फुटपाथों की सफाई के साथ-साथ हजारों की संख्या में लगे ऐसे पोस्टर भी उतारे, जिससे शहर कुछ-कुछ साफ दिखने लगा।
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Edited By

Sunita sarangal

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