जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी पंजाब में, मगर पुख्ता नहीं शहर में सुरक्षा के प्रबंध

punjabkesari.in Friday, Nov 16, 2018 - 09:19 AM (IST)

जालंधर(रविंदर): शहरवासी हो जाएं सावधान, आपकी सुरक्षा आपके हाथ में है, क्योंकि पुलिस सो रही है। सी.टी. इंस्टीच्यूट से पुलिस ने 1 किलोग्राम विस्फोटक व ए.के.-56 के साथ अंसार गजवात-उल-हिंद के 3 आतंकियों को गिरफ्तार किया है। मकसूदां थाने पर हैंड ग्रेनेड से हमला करने वालों को जालंधर से गिरफ्तार किया गया था, यानी शहर कश्मीरी आतंकियों के पूरी तरह निशाने पर है। 

आतंकियों के निशाने पर रहने वाले जालंधर की पुलिस को हमेशा अलर्ट रहना चाहिए, ताकि यहां के नागरिक सुरक्षित रहें। इसी बात की तस्दीक के लिए ‘पंजाब केसरी’ टीम ने वीरवार  रात को शहर में नाइट डोमिनेशन किया और जाना कि शहर के लोग पुलिस के हाथों में कितना सुरक्षित हैं। राज्य की काऊंटर इंटैलीजैंस व खुफिया एजैंसियों ने वीरवार को ही राज्य पुलिस को सतर्क किया था कि जैश-ए-मोहम्मद के 6 आतंकी राज्य में प्रवेश कर चुके हैं जो कभी भी किसी बड़ी वारदात को अंजाम दे सकते हैं, क्योंकि अभी तक कश्मीरी आतंकियों के सीधे ङ्क्षलक जालंधर से जुड़े रहे हैं और जालंधर हमेशा से इन आतंकियों की हाई लिस्ट पर रहा है। खुफिया एजैंसियों के अलर्ट के बाद डी.जी.पी. ऑफिस से सभी पुलिस कमिश्रर व एस.एस.पी. को सतर्कता बरतने के आदेश जारी किए गए, मगर शायद जालंधर पुलिस तक यह आदेश नहीं पहुंचे, तभी तो शहर के एंट्री प्वाइंट्स पर तो पुलिस रात को कुछ हद तक अलर्ट नजर आई, मगर शहर के अंदरूनी नाकों व चौक-चौराहों पर पुलिस की नाकाबंदी व गश्त नदारद थी। 

महज वडाला चौक ही ऐसा नाका था, जहां पुलिस चौकसी से ड्यूटी निभा रही थी। बताया गया कि यहां रातभर पुलिस नाके पर रहती है और जी.ओ. रैंक के 2 अधिकारी इस नाके पर मौजूद रहते हैं। रात को ए.डी.सी.पी. रैंक व ए.सी.पी. रैंक के अधिकारी भी इस नाके की चैकिंग करते हैं। वहीं शहर के अन्य एंट्री प्वाइंट्स बी.एस.एफ. चौक, बिधिपुर फाटक, पठानकोट बाईपास और बस्ती बावा खेल नहर पुली से पुलिस पूरी तरह से गायब नजर आई। शहर के मुख्य चौराहों रविदास चौक, कपूरथला चौक, वर्कशाप चौक, फुटबॉल चौक और गुरु नानक मिशन चौक समेत ज्योति चौक पर भी रात को न तो पुलिस का कोई नाका था और न ही पुलिस की कोई गश्त। शहरवासी खुद अलर्ट रहें और किसी भी तरह की संदिग्ध वस्तु या व्यक्ति को देखें तो तुरंत पुलिस कंट्रोल रूम, संबंधित थाने या पुलिस कमिश्नर को फोन करें। 

 

 

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