पुलिस ने संदिग्ध ठिकानों पर बिछाया जाल,धर्मशाला व मनाली शिफ्ट हुई जालंधर की बुक

punjabkesari.in Sunday, Apr 15, 2018 - 12:43 PM (IST)

जालंधर(रविंदर): आई.पी.एल. मैच पर सट्टा खिलाने वाले बुकी अब हिमाचल की वादियों से अपना धंधा चला रहे हैं। पुलिस की सख्ती के बाद जालंधर की बुक धर्मशाला व मनाली में शिफ्ट हो गई हैं। वहां पर महंगे होटल में कमरा किराए पर लेकर इस धंधे को बदस्तूर आगे बढ़ाया जा रहा है। पुलिस के साथ-साथ अब खुफिया एजैंसियां भी इनके ठिकाने खंगालने में जुट गई हैं। फिलहाल शहर में जहां-जहां पुलिस को शक था कि यहां से आई.पी.एल. पर सट्टा खिलाया जा रहा है, वहां-वहां सादी वर्दी में पुलिस का जाल बिछाया जा चुका है।

पुलिस के डर से सभी बुकी शहर से शिफ्ट होकर हिमाचल की वादियों में न केवल धंधा चला रहे हैं बल्कि साथ ही वहां की सर्द हवाओं का मजा भी ले रहे हैं। मखदूमपुरा से गिरफ्तार आरोपी अब कानून के शिकंजे से बाहर आ चुके हैं। जिस तरह से धारा 420 लगने के बाद भी उनकी जमानत आसानी से हो गई है, उससे उनके हौसले एक बार फिर से बुलंद हो गए हैं और पुलिस की प्रॉसीक्यूशन पर कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं। पुलिस कमिश्रर पी.के. सिन्हा ने सभी ए.सी.पीज को निर्देश दिए हैं कि वह सट्टेबाजों पर खास नजर रखें। इसके लिए शहर में चल रही बुकियों की हर लाइन व हर हरकत पर नजर रखी जाए।

पुलिस ने अपने मुखबिर भी चारों ओर फैला दिए हैं मगर शहर से लाइनें हिमाचल में शिफ्ट होने के बाद अभी इस धंधे से जुड़े बड़े नामों का खुलासा नहीं हो पा रहा है। गिरफ्तार किए गए आरोपियों के मोबाइल नंबरों को खंगालने में पुलिस का आई.टी. विभाग जुटा हुआ है और इस बात का भी पता लगाया जा रहा है कि इन्हें बार-बार कहां से आदेश मिलता था। पुलिस की प्रारंभिक जांच में इस बात का भी खुलासा हुआ है कि महानगर में सट्टे के इस धंधे से कई राजनीतिज्ञों के नाम भी जुड़े हुए हैं क्योंकि इस धंधे से कमाई बेहद ज्यादा है तो राजनीति से जुड़े कई बड़े नामों ने आगे अपने गुर्गों को यह काम बांट रखा है। अब देखना होगा कि कानून के लंबे हाथ कब तक बड़े नामों पर पहुंच पाते हैं। 

बस्तीयात इलाके के कुछ  नेताओं के संरक्षण में चल रहा है गोरखधंधा
पुलिस की प्रारंभिक जांच में यह बात साफ हो चुकी है कि इस धंधे के पीछे न केवल शहर के सफेदपोश बल्कि कई राजनीतिज्ञ भी शामिल हैं। पंजाब केसरी को मिली सूचना के मुताबिक बस्तीयात इलाके के कुछ नेताओं के संरक्षण में यह धंधा पिछले लंबे समय से फल-फूल रहा था। इन नेताओं ने न केवल बुक में हिस्सा डाला हुआ है, साथ ही चुनावों के दौरान इनसे भारी मात्रा में फंङ्क्षडग भी ली जाती है। इसके एवज में पुलिस पर दबाव बनाकर इन्हें बचाया जाता है।

Anjna