खतरों के खिलाड़ी: एवरैस्ट के बेसकैंप पर जालंधर दे मुंडे

punjabkesari.in Tuesday, Nov 06, 2018 - 02:36 PM (IST)

जालंधर(जसमीत) : हौसले हों तो मंजिल दूर नहीं रहती। यही कुछ कर दिखाया है जालंधर के युवाओं ने। वी.आर.वी. जिम के 9 मैंबर्स ने खुंबू घाटी स्थित सागरमाथा नैशनल पार्क तक महज 6 दिन में पहुंचकर रिकॉर्ड बना दिया है। आम व्यक्ति इस स्थान पर 10 दिनों तक पहुंचते हैं लेकिन जालन्धर के इन युवाओं के आगे सागरमाथा की ऊंचाई भी कम पड़ गई। अब इन युवाओं का अगला टारगेट माऊंट एवरैस्ट है।

ऐसे पहुंचे यहां तक
बेसकैंप तक जाने से पहले 9 हजार फीट ऊपर स्थित लुकला तक वाया काठमांडू पहुंचा जाता है। वहां से आगे खुंबू घाटी जोकि नेपाल में 17,707 फीट की ऊंचाई पर है, में स्थित सागरमाथा नैशनल पार्क में बेसकैंप बनाया गया है। सागरमाथा दुनिया के छह सबसे बड़े पर्वतों माऊंट एवरैस्ट, माऊंट लोहोट, माऊंट मकुलु में से एक है। यहां पर ऑक्सीजन नहीं मिलती। शारीरिक तौर पर फिट ही यहां रुक सकते हैं।  वी.आर.वी. मैंबर्स इसके अलावा साइकिल पर मनाली से लेह, चदर ट्रैक, रुपिन पास ट्रैक, बीर राजगुंधा ब्रोट ट्र्रैक की यात्रा भी कर चुके हैं।

यह है मिशन 
इवैंट से वी.आर.वी. मैंबर्स ने लोगों को सेहत के प्रति जागरूक होने की अपील की। उन्होंने कहा- अच्छा पौष्टिक खाना और व्यायाम शरीर को फिट रखता है।

सुविधाओं से लैस है बेसकैंप
जहां भारत के ट्रैकिंग वाले एरिया में वी.आर.वी. मैंबर्स को अव्यवस्था नजर आई वहीं नेपाल स्थित उक्त बेसकैंप में टी हाऊस स्टे, अ‘छा खाना, हैलीकॉप्टर बैकअप और मैडीकल बैकअप का अच्छा इंतजाम देखा गया। बेसकैंप के रास्ते में हर तरह के कचरे के लिए पत्थरों को काटकर इंतजाम किया गया था जोकि बहुत अच्छा था।

जिम में भारी वजन उठाकर की प्रैक्टिस काम आई
ट्रिप के लीडर रोमी बग्गा ने बताया कि सागरमाथा तक पहुंचने के लिए सबसे बड़ा फायदा हमें जिम में की गई मेहनत से मिला। इतनी ऊंचाई तक आप कमजोर शरीर लेकर जा नहीं सकते। ऐसे में जिम में मेहनत करने से न सिर्फ हमारे साथियों में ऊर्जा का संचार हुआ बल्कि इससे आत्मविश्वास भी कई गुणा बढ़ गया। इसी कारण हम इस मुश्किल यात्रा महज 6 दिन में पूरा कर गए।

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