जालंधर बाईपास : ‘नजरी नक्शे’ से साफ होगी स्थिति, SDM ने अधिकारियों से मांगी  रिपोर्ट

punjabkesari.in Wednesday, Jun 13, 2018 - 09:05 AM (IST)

जालंधर (अमित, सोमनाथ): होशियारपुर लैंड-स्कैम की तर्ज पर जालंधर बाईपास के ऊपर नजरें गढ़ाए बैठे लैंड-माफिया की चालों को नाकाम करने के लिए बतौर लैंड एक्वीजिशन कलैक्टर काम कर रहे एस.डी.एम.-1 राजीव वर्मा द्वारा पिछले कुछ दिनों से एड़ी-चोटी का जोर लगाते हुए इस प्रोजैक्ट को बढिय़ा ढंग से सम्पन्न करने के लिए प्रयास जारी हैं। इसलिए उन्होंने हर जरूरी एहतियात अपनाते हुए संबंधित रैवेन्यू अधिकारियों एवं कर्मचारियों को जरूरी निर्देश जारी करते हुए नजरी नक्शा बनाने को कहा है। इस नजरी नक्शे से ही इस प्रोजैक्ट की सही रूपरेखा के साथ इस पर आने वाले लागत बारे स्थिति स्पष्ट होगी।

रैवेन्यू विभाग ने 3-डी जारी करने से पहले एहतियात के तौर पर फील्ड रिपोर्ट लेकर एन.एच.ए.आई. को अपनी तरफ से एक विस्तृत प्रस्ताव भेजने का फैसला किया है। इसी कड़ी में उन्होंने कुछ दिन पहले एन.टी.-1 (नायब तहसीलदार) गुरप्रीत सिंह को निर्देश दिया था कि वह फील्ड स्टाफ के साथ मिलकर अपनी एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार करके उन्हें सौंपे। एनटी-1 द्वारा कुछ दिन पहले एस.डी.एम. के पास अपनी प्राथमिक रिपोर्ट सौंपी गई थी, जिसको लेकर मंंगलवार को उनकी अध्यक्षता में एक विशेष मीटिंग आयोजित की गई। मीटिंग में एन.टी.-1 गुरप्रीत सिंह के अलावा कानूनगो परमिन्द्र विरदी, बलदेव एवं विजय कुमार के साथ पटवारी सर्बजीत, जसविन्द्र, बलजीत, तजिन्द्र, मनमोहन, अश्विनी गुप्ता, नरिन्द्र गुप्ता, बलजीत सिंह आदि उपस्थित हुए, ताकि रिपोर्ट के आधार पर अगली कार्रवाई की जा सके।

मीटिंग में किन मुद्दों पर लेकर हुआ विचार-विमर्श? 
मीटिंग में सबसे पहले एनटी-1 द्वारा हाल ही में सौंपी गई प्राथमिक रिपोर्ट पर विस्तारपूर्वक चर्चा की गई। एस.डी.एम.-1 ने सभी संबंधित पटवारियों को निर्देश जारी किया कि वह इस मामले में दोबारा से गहन जांच-पड़ताल करते हुए दो दिन के अंदर अपनी फाइनल रिपोर्ट सौंपे। क्योंकि कुछ ऐसे पहलू भी हैं, जिनको लेकर दोबारा से जांच की जानी जरूरी है। एस.डी.एम. ने सभी कानूनगोज और पटवारियों को स्पष्ट निर्देश जारी किए कि वह इस मामले में गंभीरता से काम करते हुए फील्ड में जाकर गहन चैकिंग करें, ताकि कोई भी पहलु अनदेखा न रह जाए। 

एस.डी.एम. ने इन पहलुओं को लेकर मांगी रिपोर्ट
एस.डी.एम.-1 ने मीटिंग में मौजूद रैवेन्यू अधिकारियों को कहा कि एन.टी.-1 की प्राथमिक रिपोर्ट में एन.एच.ए.आई. द्वारा प्रस्तावित जालंधर बाईपास के लिए अधिगृहीत की जाने वाली भूमि के अधीन आने वाली जमीनों की नोटीफिकेशन के बाद हुई रजिस्ट्रियों के अलावा तबदील मलकीयत एवं हिब्बामाना (गिफ्ट डीड) को लेकर भी पूरा ब्यौरा लिखित रूप से उनके पास सौंपा जाए। इसके साथ ही एन.एच.ए.आई. द्वारा 29 किलोमीटर बाईपास के लिए प्रस्तावित रूट प्लान को छोड़कर एन.टी.-1 की प्राथमिक रिपोर्ट में दर्शाए गए कैंट जमशेर रोड से कपूर पिंड तक लगभग 20 किलोमीटर के रूट को अपनाने से सही मायनों में कितने किलोमीटर कम होते हैं, इसको लेकर भी सटीक आंकड़े (डिटेल रिपोर्ट) प्रदान किए जाएं। 

एन.एच.ए.आई. के नक्शे के पैरलल बनाया जा रहा है नजरी नक्शा 
प्राप्त जानकारी के अनुसार जिस 20 किलोमीटर के रूट को लेकर प्राथमिक रिपोर्ट में जिक्र किया गया है, उसको और भी साफ करने के मकसद से एक नजरी नक्शा भी बनाया जाएगा तथा पूरे रूट के अंदर आने वाली जमीनों व गांवों को एक नक्शे के रूप में पेश करके अधिकारियों के सामने रखा जाएगा ताकि पूरे रास्ते में आने वाली जमीनों के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी मिल सके। इससे पहले एन.एच.ए.आई. की तरफ से 29 किलोमीटर जालंधर बाईपास का नक्शा बनाया गया है। इससे इस पूरे प्रोजैक्ट पर लगभग 2200 करोड़ रुपए लागत आती है। वहीं अगर एन.टी. द्वारा सुझाए गए रूट मुताबिक हाईवे बनता है तो यह लागत लगभग 40 प्रतिशत तक कम हो सकती है। 

Anjna