विज्ञापन पॉलिसी के तहत तीसरी बार लगे टैंडर

punjabkesari.in Friday, Feb 22, 2019 - 08:01 AM (IST)

जालंधर (खुराना): पिछले काफी समय से जालंधर नगर निगम घोर वित्तीय संकट से परेशान है, जिसके कारण शहर का विकास प्रभावित हो रहा है, परंतु सरकार तथा निगम प्रशासन की नीतियों के चलते निगम करोड़ों का राजस्व भी गंवा रहा है। अभी तक निगम ने जी.आई.एस. सर्वे के डाटा के हिसाब से टैक्सों की वसूली शुरू नहीं की है। दूसरी ओर विज्ञापनों के मामले में भी निगम को करोड़ों का चूना लग रहा है, क्योंकि शहर में लगे हजारों अवैध विज्ञापनों का सारा पैसा प्राइवेट जेबों में जा रहा है।

विज्ञापन पॉलिसी के तहत अगले 7 सालों के लिए शहर में विज्ञापन लगाने का टैंडर निगम 2 बार लगा चुका है, जो सिरे नहीं चढ़े। माना जा रहा है कि 126 करोड़ रुपए की भारी-भरकम राशि के कारण टैंडर सिरे नहीं चढ़ रहे हैं। अब निगम प्रशासन ने 20 प्रतिशत राशि घटाकर तीसरी बार टैंडर लगाए हैं। माना जा रहा है कि अगर 7 सालों की बजाय कम अवधि और जोन के हिसाब से छोटे टैंडर लगाए जाते तो निगम को अब तक करोड़ों रुपए प्राप्त हो गए होते।

Anjna