DC की कोठी को कुर्क करने का मामलाःअभी भी कई लोगों पर भी गिर सकती है गाज

punjabkesari.in Monday, Jun 18, 2018 - 10:31 AM (IST)

जालंधर(अमित): डी.सी. की सरकारी कोठी को कुर्क करने का मामला जितना सीधा नजर आ रहा है, दरअसल वह उतना सीधा है नहीं, क्योंकि अभी इसमें कई और पेंच फंसने की संभावना जताई जा रही है। आने वाले दिनों में इस मामले की जांच-पड़ताल के दौरान कुछ अन्य लोगों पर गाज गिरने से इंकार नहीं किया जा सकता।

प्रारंभिक जांच में सामने आए तथ्यों के आधार पर डी.सी. ने गत दिवस जिला प्रशासन से संबंधित 5 कर्मचारियों को ड्यूटी में गंभीर लापरवाही बरतने का दोषी पाते हुए तुरंत प्रभाव से सस्पैंड करने का आदेश जारी किया था, मगर डी.सी. दफ्तर के अंदर से ही दबी जुबान में एक अधिकारी और उसके दफ्तर द्वारा इस मामले में लापरवाही बरतने के गंभीर आरोप लगाते हुए उसे और उसके स्टाफ को इस पूरे मामले का असली जिम्मेदार बताया जा रहा है। कुछ लोगों का मानना है कि अगर लापरवाही हुई है और उसके लिए कुछ कर्मचारियों को दंड दिया गया है तो इसी मामले में एक अधिकारी और उसके स्टाफ द्वारा बरती गई लापरवाही को लेकर क्यों कोई एक्शन नहीं लिया जा रहा है? इस मामले में जब तहसीलदार-1 के मोबाइल पर बात करने की कोशिश की गई तो उनसे संपर्क नहीं हो सका, जिस वजह से उनका पक्ष प्राप्त नहीं हो सका।

एक महीने से अधिक समय तक तहसीलदार के पास पड़े रहे आदेश, फिर भी नहीं दिया कोई ध्यान
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार तहसीलदार-1 के पास अदालत से आए नीलामी वाले आदेश लगभग एक महीना पैंडिग पड़े रहे, मगर न तो उन्होंने और न ही उनके किसी स्टाफ ने आदेश को लेकर चैकिंग करने की जरूरत महसूस की जिसका नतीजा यह निकला कि डी.सी. की कोठी को नीलाम करने की नौबत तक आ गई। 

बिना स्थान चिन्हित किए कैसे जारी हो गई कानूनगो और पटवारी को नीलामी की चिट्ठी
डी.सी. की कोठी को नीलाम करने के मामले में एक और बात जो उभरकर सामने आ रही है, वह यह कि तहसीलदार-1 की तरफ से कानूनगो और पटवारी को 25 मई, 2018 को चिट्ठी जारी करते हुए हिदायत जारी की गई थी कि 13 जून, 2018 को माननीय अदालत के आदेशानुसार केस-प्रापर्टी की नीलामी की जानी है, इसलिए आप दोनों मौके पर पहुंचे। मगर हैरान करने वाली बात है कि बिना स्थान चिन्हित किए चिट्ठी कैसे जारी की जा सकती है, क्योंकि जहां नीलामी की जानी है, उस जगह की पूरी जानकारी तहसीलदार को होनी अनिवार्य है। अगर तहसीलदार को उक्त जगह के बारे में कुछ भी पता ही नहीं था तो चिट्ठी क्यों जारी की गई और अगर पता था, तो फिर डी.सी. के ध्यान में सारा मामला क्यों नहीं लाया गया?

Anjna