PG व किराए पर रह रहे लोगों की जालंधर पुलिस के पास नहीं पूरी जानकारी

punjabkesari.in Monday, Oct 22, 2018 - 11:34 AM (IST)

जालंधर: सिटी में पी.जी. व किराए पर रह रहे लोगों की लिस्ट पुलिस के पास पूरी तरह से अपडेट ही नहीं है। जालंधर में से आतंकी पकड़े जाने के बाद चाहे पुलिस ने बड़े-बड़े दावे करके खुद की लापरवाही पर पर्दा डालने की कोशिश की लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है। पिछले 4 वर्षों से जालंधर पुलिस के पास मात्र 2491 लोगों की ही वैरीफिकेशन आई। इससे 3 गुना ’यादा लोग जालंधर में पी.जी., किराए या फिर नौकरी के कारण शहर में रह रहे हैं। डी.सी.पी.ओ. से मिले आंकड़ों अनुसार जनवरी, 2014 से लेकर अब तक 13 सांझ केंद्रों में 2491 लोगों की वैरीफिकेशन हुई। 

वैरीफिकेशन की डिस्ट्रिक्ट कम्युनिटी पुलिस आफिसर (डी.सी.पी.ओ.) की जिम्मेदारी होती है। 13 सांझ केंद्रों में 5 सब-डिवीजनल, 7 थाना लैवल पर और एक जिला स्तर पर सांझ केंद्र शामिल है। आंकड़ों के अनुसार सांझ केंद्रों में जो वैरीफिकेशन का डाटा है उसमें से सबसे ज्यादा रामामंडी एरिया व कैंट के इलाके के लोगों ने वैरीफिकेशन करवाई लेकिन वहां पर खुले पी.जी. में रह रहे छात्रों व अन्य लोगों की गिनती डाटा से 3 गुना से भी ’यादा है। इतना ही नहीं, लोग टैक्स बचाने के लिए भी पुलिस के पास किराएदारों की वैरीफिकेशन नहीं करवाते जिससे सीधे तौर पर सुरक्षा को लेकर सवाल उठ रहे हैं।

बात अगर पुलिस की करें तो सीधे तौर पर यह लापरवाही पुलिस की है। डी.सी.पी. के आदेशों पर धारा 144 के अधीन किराएदारों, नौकरों व होटलों में रुकने वाले लोगों के बारे रिकार्ड रखने और पुलिस से वैरीफिकेशन के लिए आदेश तो जारी कर दिए जाते हैं लेकिन ग्राऊंड लैवल पर उन्हें जांचा ही नहीं जाता। यही कारण है कि तस्करों से लेकर आतंकी तक शहर में ठहरे होते हैं और पुलिस के पास खबर ही नहीं होती। दोमोरिया पुल के पास पुलिस पार्टी पर फायरिंग करने वाले सोनू तस्कर और मिट्ठू बस्ती से गिरफ्तार हुए आतंकी रफीक बट्ट की भी पुलिस वैरीफिकेशन नहीं करवाई गई थी। बात अगर इस साल की करें तो जनवरी, 2018 से लेकर अब तक मात्र &80 लोगों की वैरीफिकेशन ही करवाई गई है।

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