जे.डी.ए. से सड़क की पैमाइश तक नहीं ले पाया नगर निगम

punjabkesari.in Saturday, Dec 21, 2019 - 11:23 AM (IST)

जालंधर(खुराना): शहर के ट्रैफिक को सुधारने की ओर नगर निगम का ध्यान बिल्कुल भी नहीं है जिसके कारण लोग काफी परेशान हो रहे हैं। कई माह पहले निगम ने प्लाजा चौक से लेकर रंगला वेहड़ा तक सड़क की एक साइड को चौड़ा करने का काम शुरू किया था, परंतु उसे रोक दिया गया, क्योंकि जे.डी.ए. ने उक्त स्थान पर सड़क को और चौड़ा कर दिया था, जबकि निगम वहां गलत स्थान पर फुटपाथ बनाने जा रहा था। उस समय निगम ने जे.डी.ए. से सड़क की पैमाइश लेने हेतु प्रयास शुरू किए थे, परंतु अभी तक निगम जे.डी.ए. से ओल्ड जी.टी. रोड की चौड़ाई के बारे में दस्तावेज तक नहीं ले पाया है, जिसके कारण सड़क को चौड़ा करने का काम प्रभावित हो रहा है।

अब नगर निगम ने ओल्ड जी.टी. रोड की चौड़ाई की पैमाइश लिए बगैर वहां काम शुरू करवा दिया है। इस बाबत जब एस.ई. रजनीश डोगरा से सम्पर्क किया गया तो उन्होंने कहा कि सिर्फ सड़क पर सीमैंट की परत बिछाई जा रही है। फुटपाथों का काम अभी शुरू नहीं किया जा रहा है, क्योंकि जे.डी.ए. से सड़क की चौड़ाई के बारे में कागज प्राप्त नहीं हुए हैं। अब सवाल यह है कि इतने महत्वपूर्ण काम के लिए दो सरकारी विभागों में तालमेल की कहां कमी है? अगर सड़क चौड़ी होती है तो लोगों को काफी राहत मिलेगी, परंतु निगम लगातार लापरवाही बरत रहा है। फिलहाल मामला निगम कमिश्रर के ध्यान में आ गया है। अब देखना है कि वह क्या एक्शन लेते हैं?


10 किलो प्लास्टिक भी इकट्ठा नहीं कर पाए निगम कर्मचारी
प्लास्टिक के इस्तेमाल के विरुद्ध आज एक अभियान के तहत नगर निगम का पूरा स्टाफ 10 किलो प्लास्टिक भी इकट्ठा नहीं कर पाया और यह अभियान मात्र खानापू्र्ति साबित हुआ। गौरतलब है कि इस अभियान के तहत पूरे निगम स्टाफ को अपने घर और दफ्तर से प्लास्टिक के उत्पाद लाने को कहा गया था। औपचारिकतावश कई अधिकारी लिफाफों में भर कर बोतलें व अन्य सामान लाए, जिसे कहां डिस्पोज ऑफ किया जाना है, यह वहां बैठे आयोजकों को भी पता नहीं था।

स्ट्रीट वैंडिंग जोन हेतु मार्किंग शुरू
नगर निगम ने स्ट्रीट वैंडिंग पॉलिसी के तहत पहला जोन बस स्टैंड के निकट जसवंत मोटर के सामने बनाना शुरू कर दिया है, जिस पर आज पीले रंग से मार्किंग की गई। गौरतलब है कि बस स्टैंड क्षेत्र की कई रेहडिय़ों को इस जोन में शिफ्ट किया जाना है। अब देखना है कि यह योजना कितनी सिरे चढ़ती है।

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