के.के. इमीग्रेशन के सगे भाइयों व जीजा पर एक लाख की ठगी का केस दर्ज

punjabkesari.in Monday, Dec 31, 2018 - 09:34 AM (IST)

जालंधर(वरुण): नरिंद्र सिनेमा के नजदीक छिन्नमस्तिका काम्पलैक्स की दूसरी मंजिल पर स्थित के.के. इमीग्रेशन के मालिक 2 सगे भाइयों व उनके जीजा के खिलाफ विदेश भेजने के नाम पर ठगी करने का केस दर्ज किया गया है। आरोपियों के खिलाफ थाना-6 की पुलिस ने धोखाधड़ी, इमीग्रेशन एक्ट सहित ह्यूमन स्मगङ्क्षलग एक्ट के अधीन केस दर्ज किया है। इस सारे केस की जांच मानव तस्करी विरोधी शाखा ने की थी। 

पुलिस को दी शिकायत में रमन कुमार पुत्र बिशन दास निवासी धारीवाल कादियां लांबड़ा ने कहा था कि उसने अपने बेटे कमल को दुबई भेजने के लिए 1 सितम्बर 2016 को के.के. इमीग्रेशन के मालिक संदीप सिंह पुत्र मोहन सिंह, उसके भाई गुरजीत सिंह निवासी घडिय़ाल गांव आदमपुर से सम्पर्क किया था। संदीप व उसके भाई ने कमल को दुबई में बढिय़ा नौकरी व सैलरी देने और वहां भेजने के लिए एक लाख रुपए खर्चा आने की बात कही थी। 

उसने अक्तूबर 2016 में संदीप व उसके भाई को 40 हजार रुपए व पासपोर्ट दे दिया। कुछ समय बाद संदीप का फोन आया कि कमल का ऑफर लैटर आ गया है। वे के.के. इमीग्रेशन दफ्तर पहुंचे तो संदीप ने उन्हें ऑफर लैटर दिखाया तथा 40 हजार रुपए की मांग करने लगा। उस समय पैसे न होने के कारण संदीप ने अपने जीजा को उनके घर भेज दिया और उसने उसे 40 हजार रुपए दे दिए। कुछ समय बाद संदीप ने फोन करके बताया कि रमन का काम हो गया है। वे दोबारा उसके दफ्तर गए तो संदीप ने उन्हें कमल की एयर टिकट दिखाई जो वास्तव में फोटोकापी थी। संदीप ने 20 हजार रुपए और मांगे तथा बताया कि कमल की 2 दिसम्बर 2016 को फ्लाइट है। 

उन्होंने संदीप को कुल एक लाख रुपए दे दिए थे लेकिन संदीप, उसके भाई व जीजा ने कमल को विदेश नहीं भेजा। काफी टाल-मटोल करने पर जब उन्होंने पुलिस में शिकायत देने की धमकी दी तो संदीप ने रशपाल सिंह नामक व्यक्ति के बैंक खाते का 60 हजार का चैक दे दिया लेकिन वह बाऊंस हो गया। संदीप ने फिर समय मांगा लेकिन पैसे नहीं दिए। पुलिस में शिकायत देने पर उच्चाधिकारियों ने जांच मानव तस्करी विरोधी शाखा को मार्क की। जांच में तीनों पर लगाए आरोप सही पाए गए तो थाना-6 में संदीप सिंह पुत्र मोहन सिंह, गुरजीत सिंह पुत्र मोहन सिंह निवासी घडिय़ाल आदमपुर समेत उनके जीजा संदीप सिंह के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया। फिलहाल अभी तक इनमें से किसी की गिरफ्तारी नहीं हो पाई है। बता दें कि के.के. इमीग्रेशन का मालिक पहले भी इस तरह के मामलों को लेकर चर्चा में रहा है।

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