लर्निंग लाइसैंस आवेदन जमा करना बना टेढ़ी खीर

punjabkesari.in Wednesday, Dec 19, 2018 - 09:10 PM (IST)

जालंधर(अमित): आर.टी.ए. दफ्तर में अगर आपको अपने लर्निंग लाइसैंस का आवेदन जमा करवाना है तो उसके लिए आपको कड़ी मशक्कत करनी पड़ेगी मगर फिर भी आप कामयाब होंगे या नहीं इसकी कोई गारंटी नहीं है। परिवहन विभाग की तरफ से ऑनलाइन अप्वाइंटमैंट सिस्टम की शुरूआत करते हुए इस बात को लेकर बड़े-बड़े दावे किए गए थे कि इस सुविधा के शुरू होने से भ्रष्टाचार खत्म होगा और जनता को काफी सुविधा मिलेगी मगर हो इसके बिल्कुल उलट रहा है क्योंकि भ्रष्टाचार खत्म होने की बजाय पहले से भी अधिक बढ़ चुका है। ऐसे में आवेदक के लिए लर्निंग लाइसैंस के लिए आवेदन करना किसी जंग जीतने के समान बन चुका है।

ऑनलाइन आवेदन करते समय 60 दिन से पहले कोई स्लाट ही उपलब्ध नहीं हो पाता है। इसके अलावा अगर गलती से स्लाट खुला मिल भी जाता है तो सरकारी कामकाज वाले दिन में भी स्लाट बंद दिखा देते हैं। ऑनलाइन आवेदन के समय शनिवार, रविवार व अन्य किसी सरकारी अवकाश के जैसे आम सरकारी कामकाज वाले कुछ दिन भी होलीडे दर्शाए जा रहे हैं जिससे चाहकर भी स्लाट बुकिंग नहीं की जा सकती। सॉफ्टवेयर की कमियों के कारण बिना किसी कसूर के आम जनता को सारा खमियाजा भुगतना पड़ रहा है। 

क्या है मामला, कैसे आया सामने?
आदमपुर निवासी सक्षम मिगलानी ने बताया कि उन्होंने लॄनग लाइसैंस के लिए ऑनलाइन आवेदन जमा करवाया था, जिसके लिए उन्होंने विभाग की वैबसाइट सारथी.परिवहन.जीओवी.इन पर जाकर अपने दस्तावेज आदि अपलोड करने के पश्चात लाइसैंस के लिए स्लाट बुक करवाने का प्रयास किया। 20 दिसम्बर, 2018 को वैबसाइट पर एक भी स्लाट नजर नहीं आ रहा था बल्कि 20, 22 और 23 दिसम्बर को स्लाट वाली जगह नीले रंग की पट्टी नजर आ रही थी जिसका साफ अर्थ है कि उक्त दिनों में कोई भी स्लाट उपलब्ध नहीं हो सकता क्योंकि इन दिनों को होलीडे की श्रेणी में रखा गया है। 22 और 23 को तो शनिवार व रविवार के कारण अवकाश है मगर 20 तारीख को गुरुवार वाले दिन आर.टी.ए. दफ्तर आम दिनों की भांति खुलता है और इस दिन ऑनलाइन एक भी स्लाट का नजर न आना अपने आप में बड़ी हैरानी वाली बात है।

मामले की होगी जांच: सैक्रेटरी आर.टी.ए.
सैक्रेटरी आर.टी.ए. कंवलजीत सिंह ने कहा कि वह चुनावी ड्यूटी के सिलसिले में शहर से बाहर हैं मगर वह इस मामले की जांच करवाएंगे और हैडक्वार्टर लिखित रूप से इसकी पड़ताल के लिए लिखेंगे।

Mohit