कांग्रेस को पंजाब में लोकसभा चुनाव के लिए नहीं मिल रहे प्रत्याशी

punjabkesari.in Wednesday, Oct 31, 2018 - 11:24 AM (IST)

जालंधर(रविंदर): प्रदेश में मौजूदा समय में कांग्रेस की सरकार है और 2019 के चुनाव इसी सरकार के अस्तित्व में कांग्रेस प्रदेश में लड़ेगी। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी को इस बार पंजाब से बेहद उम्मीदें हैं। पार्टी हाईकमान पंजाब की 13 लोकसभा सीटों में से 10 सीटें जीतने का दावा ठोंक रही है, ताकि राष्ट्रीय राजनीति में दोबारा कांग्रेस का परचम लहराया जा सके। 

मगर हैरानी की बात यह है कि जिस प्रदेश में कांग्रेस की सरकार है और जिस प्रदेश से हाईकमान को बेहद उम्मीदें हैं, उसी प्रदेश में पार्टी को लोकसभा चुनाव लडऩे के लिए चेहरे नहीं मिल पा रहे हैं।पिछला चुनाव लड़ चुके 2 नेता तो मौजूदा कैप्टन सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं और अधिकांश नेता बार-बार हार के बोझ से दब कर रह गए हैं। हाईकमान के 10 सीटें जीतने के दावे को पुख्ता करने के लिए प्रदेश हाईकमान लगातार नए चेहरों की तलाश में तो है, मगर अभी तक उनके सामने कोई सशक्त चेहरा नजर नहीं आ रहा है। ऐसे में पार्टी हाईकमान कैप्टन कैबिनेट के कई मंत्रियों को लोकसभा चुनाव में उतार सकती है। अगर ऐसा होता है तो प्रदेश राजनीति में कई समीकरण बदल सकते हैं, जिन कैबिनेट मंत्रियों को लोकसभा चुनाव में चेहरा बनाने की बात हो रही है, उसमें खास तौर पर स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू, वित्त मंत्री मनप्रीत बादल और कैबिनेट मंत्री विजय इंद्र सिंगला का नाम चल रहा है। 

इनमें से मनप्रीत बादल व विजय इंद्र सिंगला 2014 लोकसभा चुनाव भी लड़ चुके हैं और दोनों को हार मिली थी। पार्टी ने कुछ दिन पहले लोकसभा चुनाव के लिए एक अंदरूनी सर्वे करवाया था जिसमें यह निकल कर सामने आया था कि 2019 में अगर मजबूत प्रत्याशी मैदान में उतारे जाएं तो कांग्रेस 13 में से 10 सीटें पंजाब में जीत सकती है। इस सर्वे के मद्देनजर अब पार्टी हाईकमान का पूरा ध्यान आने वाले चुनावों में मजबूत चेहरे मैदान में उतारने की तरफ है। मगर हैरानी की बात यह है कि पार्टी को मजबूत चेहरे मिल नहीं पा रहे हैं। 2014 में पार्टी ने अमृतसर लोकसभा सीट कैप्टन अमरेंद्र सिंह को उतार कर जीती थी। इसके बाद जालंधर में कांग्रेस के प्रत्याशी चौधरी संतोख सिंह ने परचम फहराया था। लुधियाना से युवा नेता रवनीत बिट्टू ने कांग्रेस की झोली में सीट डाली थी। इसके अलावा 10 सीटों पर कांग्रेस को हार मिली थी।

हालांकि बाद में हुए उपचुनाव में गुरदासपुर सीट भाजपा से कांग्रेस ने छीनी थी। फिरोजपुर से चुनाव लडऩे वाले सुनील जाखड़ को इस बार पार्टी गुरदासपुर से चुनाव लड़वा सकती है, क्योंकि उन्होंने उपचुनाव में यहीं से जीत प्राप्त की थी। ऐसे में फिरोजपुर सीट खाली हो जाएगी। अमृतसर से जी.एस. औजला, लुधियाना से रवनीत बिट्टू व जालंधर से चौधरी संतोख सिंह को दोबारा सीट मिलना फाइनल है। मगर पार्टी को संगरूर, बठिंडा, फरीदकोट, श्री आनंदपुर साहिब, खडूर साहिब, पटियाला लोकसभा क्षेत्र में मजबूत चेहरे की तलाश है। पार्टी संगरूर से कैबिनेट मंत्री विजय इंद्र सिंगला तो बठिंडा से मनप्रीत बादल को दोबारा प्रत्याशी बना सकती है। नवजोत सिंह सिद्धू को पार्टी किसी नए हलके से चुनावी मैदान में उतार सकती है। पटियाला से परनीत कौर का चुनाव लडऩा लगभग तय है। 


अगर जीते तो कैबिनेट में होगा बड़ा फेरबदल
लोकसभा चुनाव लडऩे के बाद अगर नवजोत सिद्धू, मनप्रीत बादल और विजय इंद्र सिंगला जीतते हैं तो फिर कैप्टन कैबिनेट में बड़ा फेरबदल देखने को मिल सकता है। छत्तीस का आंकड़ा होने के कारण मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह खुद चाहते हैं कि नवजोत सिंह सिद्धू को लोकसभा चुनाव लड़वा कर कैबिनेट से दूर किया जाए।  

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