नए टैक्सों की बजाय वर्तमान टैक्स उगाही पर फोकस करेंगे : मेयर राजा

punjabkesari.in Sunday, Apr 22, 2018 - 10:25 AM (IST)

जालंधर(खुराना): मेयर जगदीश राज राजा ने कहा है कि नए टैक्स लगाने की बजाय वर्तमान टैक्स सिस्टम पर ही फोकस करके पूरी टैक्स कलैक्शन करने के प्रयास किए जाएंगे। आज एक विशेष भेंट में उन्होंने कहा कि इस समय नगर निगम वित्तीय संकट का शिकार है परन्तु जल्द ही इस पर काबू पा लिया जाएगा।कूड़े की बढ़ती समस्या का जिक्र करते हुए मेयर ने कहा कि शहरी क्षेत्रों में ऐसी समस्या निरंतर बढ़ रही है।

सॉलिड वेस्ट मैनेजमैंट ही इसका समाधान है। उन्होंने कहा कि जालंधर नगर निगम ने मुख्य सड़कों के किनारे बने कई डम्पों को खत्म कर दिया है परन्तु अभी भी कूड़े की समस्या बनी हुई है जिससे निपटने के लिए वार्ड स्तर पर स्मार्ट डस्टबिन बनाए जाने प्रस्तावित हैं जिसके लिए प्रोजैक्ट सरकार को भेजा हुआ है।सीवर समस्या का जिक्र करते हुए मेयर ने कहा कि सुपर सक्शन मशीनों से शहर की मेन लाइनों की सफाई करवा ली गई है, अगले चरण में अब छोटी सुपर सक्शन मशीनें मंगवाई जाएंगी ताकि ब्रांच लाइनों की भी सफाई करवाई जा सके। मेयर ने बताया कि सभी 80 वार्डों में &-& सीवरमैन बांट दिए गए हैं और जनरल सड़कों के लिए कुछ सीवरमैन अतिरिक्त रखे गए हैं। बरसात से पहले सीवरों की सफाई का कार्य काफी हद तक निपटा लिया जाएगा।


जाली जी-8 रसीदों की जांच जारी
इस बीच पता चला है कि नगर निगम के विभिन्न विभागों द्वारा उपभोक्ताओं से कैश लेते समय जो जी-8 रसीदें काटी जाती हैं, उनमें से कुछ जी-8 बुक्स ऐसी हैं जो निगम आफिस से इश्यू न होकर जाली रूप से छपवाई गई हैं। सुविज्ञ सूत्र बताते हैं कि कुछ समय पहले जाली जी-8 रसीदों बारे सूचनाएं मिलने के बाद मेयर और नगर निगम के अधिकारियों द्वारा इस मामले की जांच करवाई जा रही है। फिलहाल जांच में क्या सामने आया है इसका तो पता नहीं चल सका परन्तु माना जा रहा है कि तहबाजारी विभाग में जाली जी-8 रसीदें अवश्य काटी गई होंगी क्योंकि इसकी शिकायतें निगम प्रशासन को प्राप्त हो रही हैं।गौरतलब है कि कई साल पहले नगर निगम के ही एक पगड़ीधारी अधिकारी ने पिं्रटिंग प्रैस में जाली जी-8 रसीदें छपवाकर लाखों रुपए का गोल-माल किया था जिसका केस कई साल चला। अब अगर कोई जाली जी-8 रसीद पकड़ में आती है तो वैसा ही स्कैंडल सामने आ सकता है। इतना जरूर है कि तहबाजारी विभाग की कुछ ऐसी रसीदें पकड़ में आई हैं जिनकी पिछली साइड पर तहबाजारी स्टाफ ने महीने-दर-महीने प्राइवेट वसूली की हुई है और प्राइवेट वसूली करते समय उस महीने के नाम के सामने अपने हस्ताक्षर तक कर रखे हैं। ऐसी रसीदों पर भी जांच चल रही है और आने वाले दिनों में यह स्कैंडल भी सामने आ सकता है क्योंकि अक्सर आरोप लगता है कि हर महीने तहबाजारी स्टाफ द्वारा लाखों रुपए प्राइवेट वसूली करके जेबों में डाले जा रहे हैं।

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