अगले 3 सालों का एक्शन प्लान बनाने में जुटे मेयर राजा
punjabkesari.in Wednesday, Jan 22, 2020 - 09:07 AM (IST)
जालंधर(खुराना): नगर निगम के नए पार्षद हाऊस का गठन 25 जनवरी 2018 को हुआ था और 3 दिन बाद नगर निगम के 2 साल पूरे हो जाएंगे। ऐसे में अगले 3 सालों का एक्शन प्लान बनाने के लिए मेयर जगदीश राजा ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। उन्होंने नगर निगम के सभी पार्षदों को पत्र जारी कर शहर के विकास तथा वार्डों की डिवैल्पमैंट के लिए लिखित सुझाव मांगे हैं। पत्र में लिखा गया है कि यह लिखित सुझाव 27 जनवरी तक मेयर ऑफिस पहुंच जाने चाहिएं ताकि उनके आधार पर जालंधर शहर के विकास की प्लानिंग की जा सके। पत्र में मेयर ने लिखा है कि सभी के पास शहर के विकास हेतु बहुत से सुझाव और अलग दृष्टिकोण हो सकता है इसलिए उनका फायदा उठाया जा सकता है।
30 को हाऊस की बैठक सम्भव
मेयर जगदीश राजा ने 27 जनवरी तक सभी पार्षदों को शहर के विकास संबंधी अपने-अपने सुझाव लिखित में देने को कहा है। ऐसे में माना जा रहा है कि नगर निगम के पार्षद हाऊस की बैठक 30 जनवरी को बुलाई जा सकती है, जिसमें इन सुझावों को भी चर्चा का केन्द्र बिन्दू बनाया जा सकता है।
अब विधायकों को मिला है 25-25 करोड़ का लॉलीपॉप
कैप्टन अमरेन्द्र सिंह की सरकार ने पिछले 2 सालों दौरान जालंधर निगम को पैसों के मामले में उपेक्षित किए रखा और आज भी जालंधर निगम ने जी.एस.टी. तथा एक्साइज शेयर इत्यादि के रूप में पंजाब सरकार से करीब 75 करोड़ रुपए लेने हैं, जो दिए नहीं जा रहे। कुछ दिन पहले मुख्यमंत्री ने सभी विधायकों को विकास कार्यों हेतु 25-25 करोड़ रुपए की ग्रांट जारी करने का आश्वासन दिया है परंतु कई विधायक ही दबे स्वरों में इसे लॉलीपॉप बता रहे हैं क्योंकि उनका मानना है कि पंजाब सरकार इस समय खुद जबरदस्त आर्थिक संकट से जूझ रही है। देखा जाए तो पंजाब में कांग्रेस को आए करीब 3 साल हो चुके हैं, ऐसे में बाकी बचते दो साल में कांग्रेस को इलैक्शन मोड में आना होगा और शहरी विकास हेतु खुल कर फंड जारी करने होंगे। अगर सरकार ने विधायकों को वायदे के अनुरूप 25-25 करोड़ की ग्रांट न दी तो आने वाले विधानसभा चुनावों में कांग्रेसी उम्मीदवारों को दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है।
2 सालों में कैप्टन सरकार ने नहीं दी कोई ग्रांट
नगर निगम के बीते 2 सालों की बात करें तो इस दौरान निगम आर्थिक संकट से जूझता रहा और कई बार तो इसके पास कर्मचारियों को वेतन तक देने के पैसे नहीं बचे थे। अकाली-भाजपा सरकार ने जहां जाते-जाते भी जालंधर को विकास कार्यों के लिए 275 करोड़ रुपए की भारी-भरकम ग्रांट जारी कर दी थी वहीं कांग्रेस सरकार ने सत्ता में आकर न केवल अकाली-भाजपा की ग्रांट से शुरू हुए विकास कार्यों को रोक दिया बल्कि उस सरकार द्वारा शुरू किए गए कई प्रोजैक्टों पर भी पानी फेर दिया, जिसमें विदेशी मशीनों से सड़कों की सफाई और एल.ई.डी. प्रोजैक्ट इत्यादि शामिल थे। इन दो सालों दौरान कैप्टन अमरेन्द्र सिंह की सरकार ने नगर निगम को कोई खास ग्रांट जारी नहीं की। विधायकों को एक बार 5-5 करोड़ की ग्रांट दी गई। पैसों की तंगी के कारण जालंधर निगम को अपने कई जरूरी प्रोजैक्ट स्मार्ट सिटी के खाते से शुरू करवाने पड़े।