विधायक रिंकू व मेजर सिंह पर दर्ज हो सकता है आपराधिक मामला

punjabkesari.in Saturday, Jun 16, 2018 - 10:25 AM (IST)

जालंधर (रविंदर): वैस्ट हलके में कालचक्र एक बार फिर से घूम कर सामने आ गया है। कुछ साल पहले जब प्रदेश में अकाली सरकार थी तो वैस्ट विधानसभा हलके की तरफ निगम की डिचों ने अपना मुंह खोला था। उस समय अकाली दल के पार्षद कमलजीत भाटिया ने अपनी ही सरकार के रहते निगम की डिचों का विरोध किया था और सरकारी कामकाज में बाधा पहुंचाई थी।

अब प्रदेश में कांग्रेस की सरकार है तो एक बार फिर से वैस्ट हलके में जब सरकार के आदेश पर निगम की डिचों ने अपना मुंह खोला तो कांग्रेस के ही विधायक सुशील रिंकू इनके विरोध में उतर आए और सरकारी कामकाज में बाधा डाली। पहले मामले में बात 29 दिसम्बर 2000 की है, प्रदेश में अकाली-भाजपा की सरकार थी और कमलजीत भाटिया तब वैस्ट हलके से पार्षद थे। नगर निगम की डिचों ने बस्ती मिट्ठू में लक्की पैलेस के पास अवैध निर्माण गिराने का निर्णय लिया तो मौके पर पहुंचे पार्षद ने एक तो  वहां डिच नहीं चलने दी दूसरा  निगम मुलाजिमों व अधिकारियों के साथ अभद्र व्यवहार भी किया। इस संबंध में भाटिया के खिलाफ थाने में आई.पी.सी. की धारा 186, 353 व 506 के तहत केस दर्ज कर लिया गया था, जिस पर अदालत भाटिया को सजा भी सुना चुकी है। 

कुछ ऐसा ही कालचक्र वैस्ट विधानसभा हलके में करीब 18 साल बाद घूमा है। अब प्रदेश में कांग्रेस की सरकार है तो निगम की डिचों का विरोध कांग्रेस के ही विधायक सुशील रिंकू ने कर दिया। वीरवार को स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने एक्शन में आते हुए शहर की अवैध कालोनियों व अवैध बिल्डिंगों केे खिलाफ हल्ला बोला था और कार्रवाई के आदेश दिए थे। शुक्रवार को जब निगम की डिच मशीनें वैस्ट हलके की तरफ मूव हुई तो इलाका विधायक रिंकू ने इनका खुलकर विरोध किया। अपने जिगरी यार मेजर सिंह की हलके में बन रही अवैध कालोनी की तरफ जा रही डिचों का भी विधायक रिंकू ने विरोध किया। इस पूरे घटनाचक्र में इलाके की जनता का साथ देकर चाहे विधायक रिंकू अपने हलके में हीरो बन गए हों, मगर कहीं न कहीं वह अपनी सरकार के आदेशों का ही विरोध कर सरकार की आंखों की किरकिरी जरूर बन गए।

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