दीनानगर और पठानकोट जैसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए की गई मॉक ड्रिल

punjabkesari.in Sunday, Jun 24, 2018 - 10:31 AM (IST)

जालंधर (सोमनाथ): 19 जून की रात करीब 12 बजे के बाद एम.बी.डी. मॉल में आतंकी घुसने की सूचना पर पंजाब पुलिस ने मुस्तैदी दिखाते हुए तुरंत मॉल को चारों चरफ से घेर लिया। पुलिस अधिकारियों सहित पुलिस कमिश्नर पी.के. सिन्हा मौके पर पहुंच गए। करीब 40 मिनट बाद सेना के जवानों ने भी आकर पोजीशन संभाल ली। सभी रास्ते ब्लॉक कर दिए गए। किसी को भी एम.बी.डी. मॉल की तरफ जाने की इजाजत नहीं थी। करीब 2 घंटे तक ऑप्रेशन चला। सेना ने 4 लोगों को बंधक बनाकर पुलिस के हवाले कर दिया। बाद में पता चला कि यह मॉक ड्रिल थी और बंधक बनाए गए संदिग्ध ए.सी.पी. समीर वर्मा, इंस्पैक्टर ओंकार सिंह बराड़ और उनके 2 साथी थे।

हालांकि रात 2 बजे के बाद पुलिस कमिश्नर पी.के. सिन्हा द्वारा यह क्लीयर कर दिया गया था कि यह मॉक ड्रिल थी, फिर भी शहरवासियों के मन में सवाल उठ रहा है कि कहीं शहर में सच में आतंकी तो नहीं घुस आए। शहरवासियों की आशंका को दूर करने के लिए पंजाब केसरी द्वारा पुलिस कमिश्नर पी.के. सिन्हा से सच जानने की कोशिश की गई कि पुलिस को मॉक ड्रिल की जरूरत क्यों पड़ी। 

2 घंटे तक शहर रहा दहशत में 
एक बार तो यह लगा कि सच में शहर में आतंकी घुस आए हैं। मॉल के अंदर चल रही गोलियों की आवाज यह जानने के लिए मजबूर कर रही थी कि आतंकी कितने हैं? पी.वी.आर. में पिक्चर देखने गए लोग सुरक्षित तो हैं। एम.बी.डी. मॉल की तरफ किसी को जाने नहीं दिया जा रहा था जिस कारण पिक्चर देखने गए कई लोगों के परिजनों को भी चिंता होने लगी थी। पुलिस कुछ बता नहीं रही थी। सभी सेना की कार्रवाई को देख रहे थे और लोगों के सुरक्षित बाहर आने का इंतजार कर रहे थे। 

Anjna