शहर की ज्यादातर सड़कें टूटीं,परेशान होने लगे वाहन चालक

punjabkesari.in Monday, Feb 11, 2019 - 09:54 AM (IST)

जालंधर(स.ह.):सर्दियों की एक ही बरसात के कारण शहर की ज्यादातर सड़कें बुरी तरह टूट गई हैैं। हालात यह है कि जगह-जगह मेन सड़कों पर बड़े-बड़े गड्ढे बन गए हैं और बजरी बिखरी हुई है जिस कारण वाहन चालक काफी परेशान हो रहे हैं। शहर की सड़कों पर गड्ढों के कारण एक्सीडैंट की घटनाएं भी बढ़ गई हैं। गौरतलब है कि नगर निगम पिछले काफी समय से वित्तीय संकट से जूझ रहा है जिस कारण निगम के पास नई सड़कें बनाने के लिए पैसे नहीं हैं। कुछ माह पहले निगम ने लाखों रुपए खर्च करके शहर की सड़कों पर पैचवर्क करवाए थे, जो सारे के सारे टूट चुके हैं और उनकी बजरी दुर्घटनाओं का कारण बन रही है। निगम ने अगर जल्द टूटी सड़कों को रिपेयर नहीं किया तो स्थिति काफी गम्भीर हो सकती है।

टूटी सड़कों ने ही टीनू को हराया था 
करीब 5 साल पहले जब अकाली-भाजपा का शासन था तब भी शहर की ज्यादातर सड़कें बुरी तरह टूट गई थीं। ऊपर से 2014 के लोकसभा चुनाव सिर पर थे। अकाली-भाजपा उम्मीदवार पवन टीनू को शहर की टूटी सड़कें काफी महंगी पड़ी थीं और लोगों ने टीनू को हराकर टूटी सड़कों प्रति गुस्सा निकाला था। उस समय के सबसे ताकतवर शख्स सुखबीर बादल तक को जालंधर आकर टूटी सड़कों के लिए माफी मांगनी पड़ी थी। संयोगवश अब फिर 2019 के लोकसभा चुनाव सिर पर है और वहीं कांग्रेस पार्टी सत्ता में है जिसने टूटी सड़कों के मुद्दे को चुनावी मुद्दा बनाकर खूब उछाला था। अब कांग्रेस से लोग नाराज हैं कि उसके राज में भी सड़कें टूटी हुई ही हैं। अब कांग्रेसियों को भी यह डर सता रहा है कि कहीं टूटी सड़कों का मुद्दा 2019 के चुनावों में भारी न पड़ जाए।

ठेकेदारों पर कभी नहीं होती कार्रवाई 
नगर निगम में अधिकारियों और ठेकेदारों के बीच नैक्सस दरअसल काफी पुराना है जिसके चलते ज्यादातर ठेकेदार अत्यंत घटिया मैटीरियल से सड़कों का निर्माण करते हैं। लुक-बजरी की जो सड़क 5-6 साल चलनी चाहिए, वह एक साल भी नहीं चल पाती। हालात यह है कि 1-2 घटनाओं को छोड़कर कभी किसी ठेकेदार पर कार्रवाई नहीं हुई। हालांकि हर साल निगम को टूटी सड़़कों पर करोड़ों रुपए खर्च करने पड़ते हैं। ठेकेदार सड़कों की मैंटीनैंस के लिए निगम से भारी-भरकम राशि भी ले लेते हैं परंतु फिर भी निगम उनसे सड़के रिपेयर नहीं करवाता और खुद पैचवर्क लगाकर ठेकेदारों को लाभ पहुंचाया जाता है।

Anjna