2 साल पहले बिल्डिंग को लगी सील को मेयर ने खुलवाया

punjabkesari.in Friday, Mar 15, 2019 - 12:51 PM (IST)

जालंधर(खुराना): एक आर.टी.आई. एक्टिविस्ट ने करीब 2 साल पहले निगम को लगातार शिकायतें देकर जेल चौक के निकट स्थित अग्रवाल भवन के साथ लगती एक बिल्डिंग को सील करवा दिया था परंतु मेयर जगदीश राजा ने आज कानूनी तरीके से उस बिल्डिंग की सील को खुलवा दिया और बिल्डिंग मालिकों को राहत पहुंचाई।

गौरतलब है कि इस बिल्डिंग का केस लोकपाल तक चला गया था जहां अब निगम सील खोलने बारे जवाब देने जा रहा है। सील खोलने से पहले निगम ने बिल्डिंग मालिकों से लिख कर लिया है कि इसका घरेलू उपयोग किया जाएगा। गौरतलब है कि यह सड़क न केवल कागजों में कमर्शियल घोषित हो चुकी है बल्कि वैसे भी पूरी सड़क पर कारोबार चल रहे हैं। अब बिल्डिंग मालिक इसे कमर्शियल करवाने हेतु प्रयासरत हो रहे हैं।

बिल्डिंग विभाग की शिकायतें सालों से पैंडिंग
नगर निगम ने विभिन्न विभागों की शिकायतों के निपटारे हेतु अलग से शिकायत सैल की स्थापना कर रखी है जिसके लिए अलग से सुपरिंटैंडैंट व अन्य स्टाफ भी तैनात है। इस सैल द्वारा प्राप्त शिकायतों को विभिन्न विभागों को रैफर कर दिया जाता है परंतु पिछले 4-5 साल की कारगुजारी देखें तो सैंकड़ों शिकायतें अभी पैंडिंग पड़ी हुई हैं। सबसे ज्यादा बुरी हालत बिल्डिंग विभाग की है जहां शिकायत सैल द्वारा भेजी गई शिकायतों पर सालों-साल कोई कार्रवाई नहीं होती। एक अनुमान के मुताबिक पिछले 4 सालों दौरान अकेले बिल्डिंग विभाग से संबंधित 800 से ज्यादा शिकायतें पैंडिंग पड़ी हुई हैं। इसके अलावा सैनीटेशन, बी. एंड आर. तथा ओ. एंड एम. सैल की ओर भी काफी शिकायतें बकाया हैं।

कम्प्लीशन सर्टीफिकेट लिए बगैर बिल्डिंगों में हो रहा काम चड्ढा ने भेजी 23 बिल्डिंगों की शिकायत
नियमानुसार देखा जाए तो किसी भी कमर्शियल बिल्डिंग में कारोबार तभी शुरू हो सकता है अगर निगम नक्शा पास करने के बाद उस बिल्डिंग को कम्प्लीशन सर्टीफिकेट जारी करे परंतु निगम खुद ही इस नियम पर जोर नहीं डाल रहा। आर.टी.आई. एक्टिविस्ट रविन्द्र पाल सिंह चड्ढा ने लोकल बाडीज के प्रिंसीपल सैक्रेटरी को एक पत्र लिख कर 23 बिल्डिंगों की सूची उन्हें भेजी है जहां कमर्शियल कारोबार किया जा रहा है परंतु उन बिल्डिंगों को कम्प्लीशन सर्टीफिकेट जारी नहीं हुआ। चड्ढा ने कहा कि अगर कम्प्लीशन सर्टीफिकेट पर जोर डाला जाए तो निगम को करोड़ों रुपए की आय हो सकती है। ऐसी सभी बिल्डिंगों को तुरंत सील किया जाए और जब तक वे कम्प्लीशन सर्टीफिकेट नहीं लेतीं उनकी सीलें न खोली जाएं। अगर कोई कार्रवाई न की गई तो वह कोर्ट में केस करेंगे।

Vatika