स्वच्छता सर्वेक्षण 2020: तिमाही असैस्मैंट में ही अभी काफी पीछे है नगर निगम

punjabkesari.in Thursday, Jun 27, 2019 - 12:28 PM (IST)

जालंधर(खुराना): प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आह्वान पर शहरी विकास मंत्रालय ने 2016 में देश के प्रमुख शहरों में स्वच्छता सर्वेक्षण शुरू करवाया था और उस साल 73 शहरों को रैंकिंग के आधार पर नम्बर प्रदान किए गए थे। अगले साल जनवरी-फरवरी 2017 में जब दूसरा स्वच्छता सर्वेक्षण हुआ तब 434 शहरों को इस सर्वेक्षण में शामिल किया गया। 

धीरे-धीरे स्वच्छता सर्वेक्षण का दायरा बढ़ता गया और 2018 में देश के 4203 शहरों में यह सर्वेक्षण 66 दिनों में पूरा किया गया। 2019 में देश के 4287 शहर इस सर्वेक्षण के तहत कवर किए गए और खास बात यह रही कि विश्व के इस सबसे बड़े सैनीटेशन सर्वे को रिकार्ड यानी 28 दिनों में पूरा कर लिया गया। ये सर्वे पूरी तरह डिजिटलाइज्ड तथा पेपरलैस था। वहीं, 2020 की तिमाही असैस्मैंट में जालंधर नगर निगम अभी काफी पीछे है। सर्वेक्षण में हर निगम के सामने 2000 अंकों वाला प्रश्नपत्र सामने रखा जाएगा।  

लीग आधार पर होगा 2020 का सर्वेक्षण
केन्द्र सरकार ने अब 31 दिसम्बर 2018 से पहले अस्तित्व में आए सभी अर्बन लोकल बॉडीज में लीग आधार पर स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 करवाने का फैसला लिया है। इसके लिए कार्य अभी से शुरू कर दिया गया है और एक-एक तिमाही के 3 चरण बनाए गए हैं। पहला चरण अप्रैल-जून, दूसरा चरण जुलाई-सितम्बर तथा तीसरा चरण अक्तूबर-दिसम्बर की तिमाही में सम्पन्न होगा। हर तिमाही में हर शहर को 2000 अंक लेने होंगे।

निगम ने मोटीवेटरों को दी ट्रेनिंग स्टाफ व अन्यों की समस्याएं भी सुनीं
नगर निगम ने आज स्थानीय सर्किट हाऊस में एक बैठक का आयोजन करके स्वच्छता के कार्य में लगे सभी मोटीवेटरों को ट्रेनिंग दी। इस बैठक में निगम कमिश्रर दीपर्व लाकड़ा, ज्वाइंट कमिश्रर आशिका जैन, हैल्थ ऑफिसर डा. श्रीकृष्ण शर्मा तथा अन्य अधिकारी, सैनीटेशन विभाग से जुड़ा स्टाफ तथा 70 के करीब मोटीवेटर उपस्थित थे। बैठक दौरान निगम ने अपनी ओर से प्रैजैंटेशन देकर मोटीवेटरों को उनका कार्य समझाया। गम स्टाफ में कमी पर भी चर्चा हुई।

जालंधर नगर निगम की असैस्मैंट
डोर-टू-डोर कलैक्शन :
बाहरी स्टाफ यानी रैग पिकर्स की मदद से निगम 80-90 प्रतिशत घरों में डोर-टू-डोर कलैक्शन कर रहा है।

सैग्रीगेशन एट सोर्स : निगम ने अब बड़ा अभियान शुरू कर रखा है। 70 मोटीवेटर विभिन्न वार्डों में जाकर करीब 25,000 घरों को गीला व सूखा कूड़ा अलग-अलग रखने बारे जानकारी दे चुके हैं। वैल्लोर मॉडल की तर्ज पर एम.आर.एफ. यूनिट बना कर सैग्रीगेशन प्रक्रिया को बड़े स्तर पर किया जाएगा। निगम कमिश्रर खुद फील्ड में जाकर लोगों को गीले व सूखे कूड़े बारे जानकारी दे रहे हैं।

एक्टीविटीज : निगम ठीक ढंग से काम कर रहा है। विभिन्न प्रतियोगिताओं के अलावा जनजागरण अभियान, सैमीनारों व वार्ड स्तर पर बैठकें हो रही हैं। इसमें निगम को अच्छे अंक मिल जाएंगे।

कूड़े की प्रोसैसिंग:  निगम अभी 10 प्रतिशत के लैवल तक पहुंचा लगता है। कुछ पिट कम्पोस्टिंग यूनिट काम करने लग पड़े हैं। जल्द ही ऐसे कई यूनिट बनाए जाने हैं। कूड़े के बड़े उत्पादकों को अपना कूड़ा खुद मैनेज करने बारे नोटिस तो भेजे जा चुके हैं, कुछेक के यह काम शुरू भी कर दिया है परंतु बाकियों पर सख्ती नहीं की जा रही। इस मामले में निगम के बहुत नम्बर कटेंगे।

ओ.डी.एफ.: निगम पूरे अंक प्राप्त कर लेगा क्योंकि दर्जनों नए शौचालयों का निर्माण हो चुका है तथा रैस्टोरैंटों व पैट्रोल पम्पों आदि के शौचालय भी जनशौचालय घोषित करके टार्गेट अचीव कर लिया गया है।

कैपेसिटी बिल्डिंग: निगम ठीक-ठाक अंक ले लेगा क्योंकि मोटीवेटरों की नियुक्ति, सैग्रीगेशन की प्रक्रिया तहत हो रही बैठकें व अन्य आयोजनों से निगम को अच्छे अंक मिलने की उम्मीद है।


रेहड़े वालों पर विशेष फोकस करना होगा
बैठक दौरान सामने आया कि शहर के 90 प्रतिशत से ज्यादा घरों में कूड़ा इकट्ठा करने का कार्य प्राइवेट रेहड़ा चालकों यानी रैग पिकर्ज के हवाले है जब तक उनके सैल्फ हैल्प ग्रुप बनाकर उन पर विशेष फोकस नहीं किया जाता तब तक यह अभियान उतना सफल नहीं होगा।  प्राइवेट रेहड़ा चालकों की भी अपनी कई समस्याएं हैं। शहर में करीब 800 रैग पिकर्ज हैं, जिनमें से 650 की सूची निगम के पास उपलब्ध है। इन लोगों को सोर्स एट सैग्रीगेशन प्रक्रिया में मुख्य भागीदार बना कर ही अभियान को सफल किया जा सकता है।


निगम कर्मचारियों का हुआ हैल्थ चैकअप 
स्थानीय मकसूदां स्थित सैक्रेड हार्ट अस्पताल में लगे विशेष मैडीकल कैम्प दौरान 150 के करीब निगम सफाई सेवकों का हैल्थ चैकअप करवाया गया। इसके लिए निगम की ज्वाइंट कमिश्रर आशिका जैन ने प्रयास किए और उन्होंने अस्पताल प्रबंधन का आभार भी व्यक्त किया जिन्होंने सभी तरह के टैस्ट फ्री किए।

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